Ghar Shayari In Hindi
हम कई जगह पर घूम आये
सुकून की तलाश में
लेकिन घर जैसा सुकून कही
और नहीं पाया।
अपनी किस्मत पे गुरुर अच्छा
नहीं होता उनसे कहना
हम ने बारिश में भी घर जलते
देखे हे।
घर जैसे होते हे कुछ रिश्ते
किराये के
जितना भी मर्जी दिल से सजा लो
कभी अपने नहीं बनते।
घर को बर्बाद और आबाद करने के
लिए घर का एक सदस्य ही
काफी होता हे।
ये खून के रिश्ते बड़े अनमोल हे
इनको तू बेकार न कर
मेरे भाई मेरा हिस्सा भी तू लेले
पर घर के आँगन में दीवार न कर।
इतनी तो होनी चाहिए एक घर की उम्र
जिसने तिनके तिनके से जोड़ा हो
वो उसे टूटते हुए ना देख पाए।
ये जो जिद्दी से ख्वाब
दिल में घर कर के बैठे हे
कागज पे उतारू में
वो सारे महेमान ले आउ।
अपने घर गए होते कभी तो
शाम ढले
किसी की आंख में रह कर
सवर गए होते।
Ghar Shayari Image
बेवजह बदल जाते हे कभी
कभी कुछ लोग
अपनों से रूठकर चार दीवारों
में बंध हो जाते हे।
दुनिया को दिखाने के लिए होता हे
आलिशान महले तो
घर तो वही हे जो अपनों से भरा
हुआ हो।
इन घरो पे कोई अजीब सानेहा
गुजरा हे
की चौकता ही नहीं अब तो
दस्तको पे कोई।
हर हस्ती हो गई आज फिर
घर में कैद
जिंदगी महंगी और दौलत
सस्ती हो गई।
घर की शान हे माता पिता
बड़ा भाई घर की पहचान हे
एक दूजे पे जान निसार हे
ऐसा मेरा घर परिवार हे।
गांव की पागड़ोडियो के आगे फीकी हे
शहर की चौड़ी सड़के
शहर के ऊँचे मकानों की ऊंचाई
गांव की झोपड़ियो के आगे नीची हे।
प्यारा सा घर छोड़ आया दौलत
के लालच में
झूठी खुशियों के लिए सच्चा
खजाना गवाया।
धुप से भी जूझना होगा चले हे
घर से तो
सफर में हर जगह घने बरगद
नहीं मिलते।
Ghar Par Shayari 2022
करोडो का घर शहर में सूना हे उसने
खरीद लिया हे
अगर आँगन दिखाने आज भी वो
बच्चो को गांव में लाता हे।
आज अपना ही घर मुझे न जाने क्यों
अनजान सा लगता हे
ओ मेरी माँ तेरे जाने के बाद ये घर
घर नहीं खाली मकान सा लगता हे।
न पूछो क्या होता हे घर से दूर
रहने का दर्द
तब भले कही और हो लेकिन दिन
वही होता हे।
हम से मिलने आती हे दुनिया
भर की यादे
शाम ढले इस सुने घर में
मेला सा लगता हे।
दिमाग ले जाओ घर के बहार भले ही
क्योकि दुनिया एक बाजार हे
मगर घर के अंदर सिर्फ दिल ले जाओ
क्योकि वहा एक परिवार हे।
सारी कमी पूरी कर देता हे माँ
तुम्हारा होना
मकान को घर और आसमान को
जमीन कर देता हे।
उसे उड़ने को पंख मिले इंसान
चाहता हे की
और परिंदा चाहता हे की उसे
रहने को घर मिले।
आज भी मेने मिट्टी के घर
बने देखे हे
जिस मिट्टी को अब कहा जाता हे
की हाथ मत लगाओ कीटाणु लग जायेंगे।
Home Shayari In Hindi
जब से तूने रख्हा पहला कदम
पावन हो गया मेरे घर का आँगन
पूरी हो गई मेरी सारी ख्वाइश
जब से बनि तू मेरी दुल्हन।
जमीन पर घर खड़ा कर लेना
बहोत आसान हे
जिंदगी गुजर जाती हे दिल में
घर बनाने के लिए।
जो दिल में हमारे घर अपना
बना लेते हे
हम से वो परिंदे उड़ाए नहीं जाते।
मेहमान की तरह घर आते आते
थक गया हु अब
बेघर हो गए हे हम चंद रुपये
कमाते कमाते।
रिश्ता मत तोडना किसी की
गरीबी देखकर
क्योकि जितना मान सम्मान गरीबो
के घर पर मिलता हे
उतना अमीरो के घर पर नहीं।
खुला रखती हु में रातो में
घर का दरवाजा
काश कोई लुटेरा आये और मेरे
गमो को लूट ले जाये।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )