नदी का महत्व – Hamare Jivan Me Nadi Ka Mahatva

हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज में आपको इस आर्टिकल में बात करने वाला हु देवी का दर्जा दिया जाने वाली नदियों के महत्त्व के बारे में तो जितना हो सके उतना बताने वाला हु तो उम्मीद है की आपको यह मेरा आर्टिकल पसंद आयेंगा तो चलो देखते है।

नदी का महत्व – Hamare Jivan Me Nadi Ka Mahatva

 नदी का महत्व
Hamare Jivan Me Nadi Ka Mahatva

नदी क्या है?

नदी भूतल पर प्रवाहित एक जलधारा है, जिसका स्त्रोत प्राय: कोई झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी होता है तथा किसी सागर अथवा झील में गिरती है। नदी शब्द संस्कृत के नद्य से आया है संस्कृत में इसे सरिता भी कहते है। नदी दो प्रकार की होती है सदानीरा और बरसाती, सदानीरा नदियों का स्त्रोत झील, झरना अथवा हिमनद होता है और वर्ष भर जलपूर्ण रहती है, जबकि बरसाती नदियाँ बरसात के पानी पर निर्भर करती है। नदी के साथ मनुष्य का गहरा संबंध है। नदियों से केवल फसल ही नहीं उपजाई जाती है बल्कि वे सभ्यता को जन्म देती है इसलिए मनुष्य नदी को देवी के रूप में देखता आया है।

नदी का महत्व

मनुष्य को अपने जीवन में हर समय जल की आवश्यकता होती है बिना जल मनुष्य एक पल भी जीवित नहीं रह सकता। यानी की पानी के बिना इस धरती पर हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसलिए हमारे जीवन में जल प्राप्त करने के कई संसाधन है जिसमे से कुछ प्राकृतिक और कुछ मानव निर्मित होते है। आज के समय में सबसे बड़ा जल प्राप्त करने का साधन नदी को माना जाता है। इसलिए हमारे जीवन में हम नदियों को अधिक महत्त्व देते है।

जीवन के शुरुआत से अंत तक नदियों का प्राणी जीवन पर उपकार रहा है नदियाँ सदैव से ही मानव के लिए जीवन दायिनी रही है। नदियाँ प्रकृति का अभिन्न हिस्सा है, नदियों से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है, इस पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत जल है जो नदियों से ही प्राप्त होता है।

नदियों के कई सामाजिक, वैज्ञानिक व् आर्थिक लाभ है। नदियों से जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक स्वच्छ जल प्राप्त होते है यही कारण है की अधिकांश प्राचीन सभ्यताए, जनजातीया नदियों के समीप ही विकसित हुई। सम्पूर्ण विश्व के बहोत बड़े भाग में पिने का पानी और घरेलु उपयोग के लिए पानी नदियों के द्वारा ही प्राप्त किया जाता है। इसलिए नदियों को देवी का दर्जा दिया गया है।

आर्थिक दष्ट्री से भी नदियाँ बहोत उपयोगी होती है जैसे की उधोगो के लिए आवश्यक जल नदियों द्वारा आसानी से प्राप्त किया जाता है, कृषि के लिए, सिंचाई एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है इसके लिए आवश्यक पानी नदियों द्वारा प्रदान किया जाता है, नदियाँ खेती के लिए लाभदायक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का उत्तम स्त्रोत होती है। नदियाँ न केवल जल प्रदान करती है बल्कि घरेलु एव उधौगिक गंदे व् अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहाकर ले जाती है, सैलानियों के लिए भी नदियाँ कई मनोरंजन के साधन उपलब्ध करती है, नदियों से मछली के रूप में खाद्य पदार्थ प्राप्त होता है।

नदियाँ हमारे लिए प्रकृति का उपहार है, जो निरंतर चलती रहती है और बड़ी लम्बी दुरी तय करती है। और कई गावो, शहरों को जल ग्रहण करवाती है। नदियों को अनेक नामो से जाना जाता है जिसमे से प्रवाहिनी सरिता आदि प्रमुख है। नदी जहा से आरम्भ होती है उस स्थान को नदी का उदगम स्थान कहते है तथा नदी की धारा को घाटी कहते है। अधिकांश नदियाँ बर्फ पिघलकर बनती है।

आज के समय में लोग नदियों को बहोत प्रदूषित कर रहे है जो की हमारे तथा नदियों के लिए बहोत हानिकारक हो सकता है। नदियों के कारण ही हम जल ग्रहण करते है यदि हम इसे प्रदूषित कर देंगे तो आने वाले दिनों में जल के समित ससांधन समाप्त हो जायेंगे। तथा हमारे लिए जल मिलना बहोत कठिन हो जाएगा इसलिए नदियों को प्रदूषित न करे तथा अपनी सुरक्षा खुद करे।

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