स्ट्रॉबेरी के बारे में अमेज़िंग फैक्ट्स | Strawberry In Hindi

👉 हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज में आपको इस आर्टिकल में बात करने वाला हु स्ट्रॉबेरी फल के बारे में जानकारी, अमेज़िंग फैक्ट्स, स्ट्रॉबेरी खाने के फायदे और नुकशान, स्ट्रॉबेरी की खेती और FAQ तो उम्मीद हे की आपको यह मेरा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे स्ट्रॉबेरी के बारे में।

स्ट्रॉबेरी फल के बारे में जानकारी

 

स्ट्रॉबेरी फल के बारे में जानकारी

👉 स्ट्रॉबेरी फल एक हल्का खट्टा-मीठा और रसभरा फल हे। यह फल लाल रंग का होता हे जो दिखने में बेहद खूबसूरत होता हे। स्ट्रॉबेरी की विशेष गंध इसकी पहचान बन गई हे। इस फल की सुगंध हर किसी को मोहित कर लेती हे। स्ट्रॉबेरी की खोज 1750 ईसवी में मानी जाती हे इसकी पहली नस्ल फ़्रांस में मिली थी जिसका नाम ब्रिटेनी था। अभी दुनिया भर में स्ट्रॉबेरी की 600 से ज्यादा प्रजातियां मिलती है। स्ट्रॉबेरी बेहद गर्म स्थानों को छोड़कर सभी जगह पर पायी जाती हे। इस फल का उपयोग ज्यादातर ज्यूस, चॉकलेट और आइस्क्रीम बनाने में किया जाता हे।

👉 स्ट्रॉबेरी में कई पोषक तत्व भी पाए जाते हे जैसे की विटामिन C और K इसके अलावा भी इस फल में मेग्नेशियम, पोटैशियम, फाइबर आदि तत्व पाए जाते हे। जो हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होते हे। और यह जानकर आपको हैरानी होंगी की यह फल एक मीठा फल होता हे लेकिन इसके बावजूद भी इसमें शुगर की मात्रा कम होती हे।

 

स्ट्रॉबेरी के बारे में अमेज़िंग फैक्ट्स

👉 स्ट्रॉबेरी के प्रत्येक फल में लगभग 200 बीज होते हे जो एक नए पौधे के रूप में विकसित होने की श्रमता रखते है।

👉 स्ट्रॉबेरी एक बारहमासी पौधा हे जो लगभग 5 से 6 साल तक जीवित रह सकते हे। 

👉 स्ट्रॉबेरी एक ऐसा फल हे जिसमे बीज बाहर की तरफ होते हे।

👉 स्ट्रॉबेरी की खोज 1750 ईसवी में हुई थी इसकी पहली नस्ल फ़्रांस में मिली थी जिसका नाम ब्रिटेनी था।

👉 स्ट्रॉबेरी चहेरे की त्वचा को सुंदर और बेदाग बनाने में काफी फायदेमंद होती हे। स्ट्रॉबेरी चहेरे पर निखार लाती हे।

👉 स्ट्रॉबेरी में कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हे जो हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होते हे।

👉 स्ट्रॉबेरी का वैज्ञानिक नाम फ्रैंगरिया है।

👉 संयुक्त राज्य अमेरिका स्ट्रॉबेरी का विश्व में अग्रणी उत्पादक हे। जहा पर सबसे अधिक स्ट्रॉबेरी की खेती की जाती हे।

👉 स्ट्रॉबेरी फल का ज्यादातर उपयोग ज्यूस, चॉकलेट और आइस्क्रीम जैसी कई चीजे बनाने में होता हे।

👉 स्ट्रॉबेरी की गंध इतनी सुगन्धित होती हे की हर किसी को मोह लेती हे और स्ट्रॉबेरी अपनी गंध से ही पहचानी जाती हे।

 

स्ट्रॉबेरी फल खाने के फायदे

1. कैंसर के लिए

👉 कैंसर एक जानलेवा बिमारी हे इसलिए इसके रोकथाम के लिए अगर आप स्ट्रॉबेरी का सेवन करते हे, तो यह काफी फायदेमंद साबित होता हे। क्योकि स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से कैंसर का खतरा काफी हद तक कम होता हे।

2. हड्डी के लिए

👉 हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए स्ट्रॉबेरी काफी फायदेमंद साबित होती हे। स्ट्रॉबेरी में मैग्नेशियम काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता हे जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता हे।

3. वजन घटाने के लिए

👉 स्ट्रॉबेरी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता हे। इसे खाने से काफी देर तक पेट भरा महसूस होता हे। और आप ज्यादा व् अनहेल्दी चीजें खाने से बच जाते हे। जिसकी वजह से हमारा वजन कम होता हे।

4. स्किन के लिए

👉 स्ट्रॉबेरी में विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता हे जो हमारी स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता हे। इसलिए अगर आप स्ट्रॉबेरी का सेवन करते हे तो स्किन सबंधी समस्या दूर होती हे और स्किन हेल्दी होती हे।

5. आँखों के लिए

👉 स्ट्रॉबेरी में कुछ एंजाइम मौजूद होते हे जो आँखों की रौशनी बढ़ाने में मदद करते हे। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हे। जो आँखों को मोतियाबिंद से बचाने में सहायक होते हे।

  

स्ट्रॉबेरी फल खाने के नुकशान

1. हार्ट की समस्या

👉 स्ट्रॉबेरी में पोटैशियम की मात्रा काफी अधिक होती हे। अगर आप हार्ट की समस्या से झुज रहे हे तो आपको स्ट्रॉबेरी खाने से बचना चाहिए। क्योकि अंत्यधिक मात्रा में पोटैशियम हार्ट के लिए नुकशानदायक साबित हो सकता हे।

2. पेट दर्द, गैस जैसी समस्या

👉 स्ट्रॉबेरी में फाइबर की अधिक मात्रा होती हे जिसका अंत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द, गैस, डायरिया और ऐंठन जैसी समस्या होती हे। इसलिए स्ट्रॉबेरी का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।

3. गले में दर्द

👉 अगर आप नियमित रूप से स्ट्रॉबेरी का सेवन करते हे तो इससे आपके गले में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती हे।

4. एलर्जी

👉 स्ट्रॉबेरी में हिस्टामाइन की मात्रा काफी अधिक होती हे। अगर आप एलर्जी की समस्या से झुज रहे हे तो इसका सेवन करने से बचना चाहिए। क्योकि अधिक मात्रा में स्ट्रॉबेरी खाने से खुजली और कक्कर आने की समस्या हो सकती हे।

 

स्ट्रॉबेरी फल की खेती के बारे में जानकारी

स्ट्रॉबेरी फल की खेती के बारे में जानकारी

1. जलवायु

👉 स्ट्रॉबेरी एक ठंडी जलवायु का पौधा हे। इसकी अधिकांश खेती ठंडे प्रदेशो में होती हे। मगर अब इसकी खेती मैदानी इलाको और पालीहाउस में भी होने लगी हे। स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त माना जाता हे। तापमान बढ़ने पर स्ट्रॉबेरी के पौधे को नुकशान हो सकता हे।

2. उपयुक्त मिट्टी

👉 स्ट्रॉबेरी की खेती लगभग सभी प्रकार की खेती में की जा सकती हे। लेकिन बलुई दोमट मिट्टी में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन अधिक होता हे। इसकी खेती के लिए 5.5 से 6.5 पीएच मान की मिट्टी होनी चाहिए।

3. खेत की तैयारी

👉 सबसे पहले खेत की गहरी जुताई कर दी जाती हे। बाद में उस खेत में पुरानी गोबर खाद्य एकड़ के हिसाब से देना होता हे। इसके बाद मिट्टी और गोबर को अच्छी तरह से जुताई करके मिला दिया जाता हे बाद में पानी देना होता हे खेत को और उसको सुख जाने के बाद खेत को फिर से जुताई की जाती हे। बाद में खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाती हे। 

👉 इसके बाद खेत को पाटा लगाकर समतल कर लिया जाता हे बाद में स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए बेड तैयार करना होता हे जो डेढ़ फिट की दुरी रखते हुए 2 फुट चौड़े बेड तैयार कर लिए जाते हे। 

4. उन्नत किस्मे

👉 स्ट्रॉबेरी की कई उन्नत किस्मे हे जो बागबानी के लिए सही होती हे जैसे की विंटर स्टार, विंटर डाउन, ब्लेक मोर, सिसकेफ, फेयर फाक्स, ओफ़्रा, कमारोसा, एलिस्ता, स्वीट चार्ली, चांडलर आदि किस्मे हे जिसमे से आपको अपनी बागबानी के लिए तय करना होता हे।

5. पौधा रोपाई

👉 आपने जो बेड बनाया हे उसमे 20 से 30 की दुरी रखते हुए छेद कर दे और उसमे स्ट्रॉबेरी के पौधे रोप देने चाहिए। स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने का सही समय 10 सितंबर से 15 अक्टुंबर तक होता हे।

6. पौधो की सिंचाई

👉 पौधो की सिंचाई के लिए ड्रेप एरिगेशन की पाइपलाइन को बिछा दिया जाता हे और 20 से 30 CM की दुरी पर पाइप में छेदो को बना लिया जाता हे। बाद में पौधो को सिंचाई कर दे। इससे पौधो को पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त होता हे। स्ट्रॉबेरी के खेत में नमि बनाये रखने के लिए जरूरत के अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए। इसकी पहली सिंचाई पौधारोपाई के तुरंत बाद की जाती हे।

7. रोग एव उपचार

👉 स्ट्रॉबेरी के पौधो पर कई तरह के रोग दिखने मिल जाते हे। अगर इन रोगो की रोकथाम समय पर नहीं की जाती हे तो पैदावार में अधिक प्रभाव देखने मिलता हे। पौधो पर लगने वाले रोग जैसे की वीविल्स झरबेरी, रस भूग, मक्खियाँ चेफर, कीटों में पतंगे, स्ट्रॉबेरी मुकट, किट कण आदि। रोग पौधो पर देखने मिल जाते हे। यह रोग पौधे पर न आये इसलिए रोजाना पौधे को देखते रहना चाहिए और जैसे ही रोग दिखे तुरंत ही किसी कृषि क्षेत्र से दवा लेके छींटकाव कर देना चाहिए।

8. फलो की तुड़ाई

👉 स्ट्रॉबेरी के पौधो पर लगे फल जब 70 प्रतिशत तक आकर्षक दिखाई देने लगे लगे उन दौरान फलो की तुड़ाई कर ली जाती हे। इसके फलो की तुड़ाई अलग-अलग दिनों में की जाती हे। फलो की तुड़ाई के समय उन्हें कुछ दुरी पर डंडी के साथ तोडा जाता हे। ताकि फलो को हाथ न लगे। इसके बाद फलो की प्लास्टिक की प्लेटो में अच्छी तरह से पैकिंग किया जाता हे और बाजार भेज दिया जाता हे।

 

स्ट्रॉबेरी के बारे में अक्शर पूछे जाने वाले सवाल

1. स्ट्रॉबेरी की खेती करने का सही समय क्या है?

👉 स्ट्रॉबेरी की खेती करने का सही समय सितंबर से अक्टुंबर तक होता हे। जिसमे आप अच्छी तरह से खेती कर सकते हे।

2. भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती कहा-कहा होती है?

👉 भारत में इसकी खेती महाराष्ट्र, कश्मीर घाटी, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, बिहार आदि राज्यों में इसकी खेती होती हे।

3. विश्व में सबसे ज्यादा स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कहा होता है?

👉 विश्व में सबसे ज्यादा स्ट्रॉबेरी का उत्पादन अमेरिका में होता हे।

4. स्ट्रॉबेरी में कौनसे-कौनसे पोषक तत्व पाए जाते है?

👉 स्ट्रॉबेरी में विटामिन C और K इसके अलावा मैग्नेशियम, पौटेशियम, फाइबर आदि तत्व हे जो पाए जाते हे।

 

यह भी पढ़े…

आड़ू फल के बारे में जानकारी

पौधो को पानी देने का सही समय क्या है?

चेरी फल के बारे में जानकरी

 

” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “