काजू फल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी | Cashew Fruit In Hindi

👉 हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज में आपको इस आर्टिकल में बात करने वाला हु काजू फल के बारे में जैसे की, काजू के अमेज़िंग फैक्ट्स, काजू फल खाने के फायदे और नुकशान, काजू फल की खेती तो उम्मीद हे की आपको यह मेरा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे काजू फल के बारे में…

काजू फल के बारे में जानकारी

काजू फल के बारे में जानकारी

 

👉 काजू एक फल हे जो अंडाकार या नाशपती के आकार के जैसा होता है। यह फल एक ड्राईफ्रुइट से भी जाना जाता हे। यह फल ज्यादातर सूखे मेवे के लिए बहोत लोकप्रिय हे। यह केवल खाने में ही स्वादिस्ट नहीं बल्कि कई तरह से फायदेमंद भी होता हे। काजू आमतौर पर सभी बाजारों में आपको मिल जाएगा। काजू का वैज्ञानिक नाम एनाकार्डियम ओसीडेटल हे। जिसका जन्म स्थल ब्राजील हे। काजू मूल रूप से ब्राजीलियन नट ही कहलाता हे। काजू का आयात निर्यात एक बड़ा व्यापार भी हे। काजू से कई तरह की मिठाईया और मदिरा भी बनाई जाती हे। 

👉 काजू में कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हे जैसे के प्रोटीन, विटामिन B6,k, आयरन, पोटेशियम, फाइबर, कॉपर, मेग्नेशियम, फास्फोरस, जिंक, कार्बोहाइड्रेड आदि पाए जाते हे। जो हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होते हे।

 

काजू फल के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स

👉 काजू का प्रयोग तरह तरह के व्यंजनों या मक्खन बनाने में किया जाता हे।

👉 काजू का पेड़ बड़ा और सदा बहार होता हे जो लगभग 14 मीटर लंबा होता हे। 

👉 काजू में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हे जो हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद हे।

👉 काजू में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता हे जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाता हे।

👉 काजू का जन्मस्थल ब्राजील हे। 

👉 काजू का उत्पादन सबसे अधिक भारत में होता हे। 

👉 काजू फल का वैज्ञानिक नाम एनाकार्डियम ओसीडेंटल हे।

👉 दुनिया में इस फल का ज्यादातर उपयोग सूखे मेवे के रूप में किया जाता हे।

 

काजू फल खाने के फायदे

1. शरीर में एनर्जी बनाये रखता हे

👉 काजू को ऊर्जा एक अच्छा स्त्रोत माना जाता हे। इसे खाने से आपके शरीर में एनर्जी बनी रहती हे। इसका लिमिट में रोजाना सेवन करना चाहिए। जो आपके शरीर के लिए फायदेमंद है।

2. हड्डियों को मजबूत बनाता है

👉 काजू में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता हे जो हड्डियों की मजबूत बनाने में मदद करता हे। और काजू में मौजूद मोनो सेन्चुरेटड फैट दिल को स्वस्थ रखता हे और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता हे।

3. पाचनतंत्र में सुधार

👉 काजू खाने से पाचनतंत्र मजबूत होता हे। क्योकि इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा पायी जाती हे। फाइबर पाचन को ठीक रखकर कब्ज और अल्सर जैसी समश्याओ से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता हे।

4. रक्त को स्वस्थ रखता है

👉 काजू आयरन और कॉपर का अच्छा स्त्रोत हे। आयरन स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता हे। जो शरीर में ऑक्सिजन को पहोचाने में मदद करता हे। आयरन रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ाकर एनीमिया जैसे रक्त विकार को दूर करने का काम भी कर सकता हे।

5. याद्दाश तेज होती है

👉 काजू विटामिन बी का खजाना हे। भूखे पेट काजू खाकर शहद खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती हे। काजू खाने से यूरिक एसिड बनना बंध हो जाता हे। और इसके सेवन से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

 

काजू फल खाने के नुकशान

1. वजन बढ़ना

👉 काजू में शुगर कम होती हे लेकिन इसमें कैलोरी की मात्रा अधिक होने के कारण वजन बढ़ सकता हे। ज्यादा कैलोरी होने के साथ-साथ इसमें अनसेचुरेटेड फैट भी होता हे। जिससे वजन भी बढ़ सकता हे।

2. एलर्जी

👉 काजू से एलर्जी होना आम बात हो गई है। अगर आपको बादाम या फिर ड्राई-फुट से एलर्जी हे तो क्या पता आपको काजू से भी एलर्जी हो सकती हे इसलिए मुठ्ठी भर काजू खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

3. पेट सबंधी परिशानी

👉 काजू में फाइबर पाया जाता हे। फाइबर स्वास्थ के लिए फायदेमंद हे लेकिन काजू के रूप में बहोत ज्यादा फाइबर का सेवन पेट में सूजन और गैस का कारण बन सकता है।

4. रक्त चाप

👉 हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगो को काजू के लगातार सेवन से बचना चाहिए। इसमें सोडियम होता हे जो की ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता हे।

5. सिर दर्द

👉 यदि आप सिर दर्द और माइग्रेन से पीड़ित हे तो काजू से बचे। इस में मौजूद एमिनो एसिड सिरदर्द पैदा कर सकता हे।

 

काजू फल की खेती के बारे में जानकारी

काजू फल की खेती के बारे में जानकारी

 

1. उपयुक्त जलवायु

👉 काजू एक उष्ण कटिबंधीय फसल हे। जो गर्म एव उष्ण जलवायु में अच्छी पैदावार देती हे। जिन क्षेत्रों में लंबे समय तक सर्दी पड़ती हे वहा पर इसकी खेती प्रभावित होती हे। 700 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र जहा पर तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेट से ऊपर रहता हे। वहा काजू की अच्छी उपज रहती हे। 600 से 4500 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र इसके लिए उपयुक्त माने गए हे।

2. उपयुक्त मिट्टी

👉 काजू की खेती के लिए गहरी दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती हे। काजू की खेती कभी भी श्रारीय मिट्टी में नहीं करनी चाहिए। काजू की खेती कई जगह ढलान वाली जगह पर भी किया जाता हे। जिससे भूमि में कटाव नहीं होता। वैसे तो काजू की खेती सभी तरह की उपजाऊ भूमि में आसानी से की जाती हे।

3. उन्नत किस्में

👉 विभिन्न राज्यों के लिए काजू की उन्नत किस्मो की सतुष्टि राष्ट्रिय काजू अनुसंधान केंद्र द्वारा की गई हे। वैसे तो काजू की कई उन्नत किस्मे हे लेकिन आज में बात करने वाला हु सबसे प्रमुख किस्मो के बारे में जैसे की वेगुरला-4, उल्लाल-2, उल्लाल-4, बी पी पी- 1, बी पी पी- 2, टी-40 आदि हे। जिसमे से आप अपनी बागबानी के लिए तैयार कर सकते हे।

4. खेती की तैयारी

👉 काजू की खेती के लिए सबसे पहले खेत को खपतवार की सिंचाई कर ले। बाद में खेत को अच्छी तरह से 2 से 3 बार गहरी जुताई करवाए। फिर खेत को समतल करवाले और फिर 6 से 7 फिट की दुरी रखते हुई खेत में पौधे लगाने के लिए गड्डे तैयार कर ले। बाद में उस गड्डो में गोबर की खाद्य डाल दे फिर उसको वैसे ही खुला छोड़ दे।

5. पौधा रोपण

👉 पौधा रोपण से पहले आपको नर्सरी में या खेत में आपको काजू के पौधे तैयार करने होते हे। बाद में खेत में जो गड्डे किये थे उसमे फिर से गड्डे करके उसमे काजू के पौधे रोपने होते हे। काजू के पौधे को वर्षा काल में ही लगाने से अच्छी सफलता मिलती हे। पौधा रोपने के बाद उसे खपतवार के समय पर निकाई-गुड़ाई करते रहते हे। 

6. सिंचाई

👉 काजू की खेती में समय पर सिंचाई करना बहोत आवश्यक होता हे। काजू के पौधे लगाने के बाद भी सिंचाई करना आवश्यक हे। कुछ-कुछ दिन के अंतराल में पौधो को सिंचाई करना बहोत ही आवश्यक होता हे। जब तक पौधा पूरी तरह से विकसित नहीं हो जाता पौधे में नहीं पत्तिया नहीं आ जाती तब तक समय पर सिंचाई करना आवश्यक होता हे।

7. पौधा संरक्षण

👉 काजू में टी मास्किटो बग की प्रमुख समस्या होती हे। इसके वयस्क तथा नवजात नई कोपलों, मंजरो फलो से रस चूसकर नुकशान पहुंचाते हे। कभी-कभी इसकी समस्या इतनी गंभीर हो जाती हे की इसके नियत्रण के लिए पुरे क्षेत्र में एक साथ स्पेशल छिटकाव का प्रबंध करना पड़ता हे। इसलिए पौधो की रोजाना देखभाल करते रहना चाहिए ताकि कोई रोग न आये।

8. काजू के फलो की तुड़ाई 

👉 काजू में पुरे फल की तोड़ाई नहीं की जाती हे। केवल गिरे हुए नट को इकठ्ठा किया जाता हे। और इसे धुप में सुखाकर तथा जुट के बोरो में भरकर ऊँचे स्थान पर रख दिया जाता हे। प्रत्येक पौधे से लगभग 8 से 10 किलोग्राम नट प्रतिवर्ष प्राप्त होते हे। इस प्रकार पुरे हेक्टर में से लगभग 10 से 17 क्विंटल काजू के नट प्राप्त होते हे। जिनसे प्रसस्करण के बाद खाने योग्य काजू प्राप्त होते हे।

 

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