हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले हे नींबू के बारे में जानकारी, अमेजिंग फैक्ट्स, नींबू खाने के फायदे और नुकशान, नींबू की खेती और Faq तो उम्मीद हे की आपको यह हमारा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे नींबू के बारे में।
नींबू के बारे में जानकारी
नींबू एक फल हे जो कच्चे हरे और पक्के पिले रंग में देखने को मिल जाते हे। नींबू अधिकांश उष्णदेशीय भागो में पाया जाता हे। इसमें कई तरह की किस्मे दिखने को मिल जाती हे जैसे की फ्लोरिडा रफ, खट्टा नींबू, जंबीरी, कागजी नींबू, कागजी कला आदि हे। इसमें से कागजी नींबू सबसे लोकप्रिय किस्म हे। भारत में यह फल कई जगहों पर देखने को मिल जाता हे जैसे की मद्रास, मुंबई, बंगाल, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हैदराबाद, दिल्ली, पटियाला, उत्तरप्रदेश, मैसूर तथा गुजरात आदि।
नींबू में कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हे। जैसे की विटामिन सी, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयरन, फाइबर यह प्रमुख हे। नींबू में सिट्रिक एसिड भी पाया जाता हे। विश्व में नींबू का उपयोग ज्यादातर लोग नींबू पानी के लिए करते हे। नींबू शरीर के लिए बहोत ही लाभदायक फल माना जाता हे।
नींबू के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स
1. नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता हे।
2. नींबू का रस विटामिन सी, विटामिन बी, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड से समृद्ध होता हे।
3. नींबू का वानस्पतिक नाम साइट्रस लिमोन हे और यह रुटेसी कुल का हे।
4. नींबू का रस एक प्राकृतिक एंटीसेंटिक दवा होने के कारण, त्वचा से सबंधित समस्याओँ का इलाज करता हे।
5. नींबू में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हे।
6. क्रिस्टोफर कोलंबस नींबू का बीज अपने साथ 1493 में अमेरिका ले गए थे।
7. नींबू का पौधा पुरे साल फल देता रहता हे।
8. नींबू एशिया का मूल निवासी हे।
नींबू खाने के फायदे
1. वजन घटाने के लिए
नींबू के रस को गुनगुने पानी और शहद के साथ पिने से शरीर का वजन काफी मात्रा में कम हो सकता हे। कई लोग होते हे अपने दिन की शुरुरात नींबू पानी से करते हे। नींबू पानी हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता हे।
2. त्वचा के लिए
नींबू पानी का सेवन हमारी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद साबित होता हे। रोज सुबह नींबू पानी से त्वचा में निखार लाया जा सकता हे। इसके अलावा नींबू पानी के सेवन से चहेरे पर दाग, धब्बो से भी छुटकारा पाया जा सकता हे।
3. गले में सक्रमण
नींबू हमारे शरीर के लिए बहोत ही लाभदयफ फल होता हे। नींबू में प्रसिद्ध एंटीबायोटिक गुण होते हे जिसके कारण नींबू गले के सक्रमण से सबंधित समश्याओ का इलाज करता हे।
4. पाचनक्रिया के लिए
नींबू पानी में मौजूद नींबू का रस हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पित सिक्रेशन के प्रोडक्शन में वृद्धि करता हे जो पाचन के लिए आवश्यक हे। जिन लोगो को पाचन सबंधी समश्याओ जैसे की एब्डॉमिनल कैम्प्स, ब्लोटिंग, जलन और गैस की समस्या से परीशान होते हे इन्हे रोजाना नींबू पानी का सेवन करना चाहिए।
5. किडनी स्टोन समश्या
जिन लोगो को किडनी स्टोन की शिकायत हे। वो अपनी डाइट में नींबू शामिल कर सकते हे। क्युकी नींबू में मौजूद सिट्रेट गुण पथरी को बनने से रोक सकते हे। भले ही इसका नेचर एसिडिक हो लेकिन शरीर में जाकर यह एल्कलाइन प्रभाव देता हे और किडनी के लिए क्लींजर की तरह काम करता हे। फिर भी बहेतर यही हे की इस बारे में डॉक्टरी सलाह जरूर ली जाये।
नींबू खाने के नुकशान
1. दांत हो सकते हे ख़राब
नींबू में अधिक मात्रा में एसिड होता हे इसलिए नींबू का सेवन आपके दांतो के इनेमल को ख़राब कर सकता हे। इसलिए आप नींबू पानी या ऐसी किसी भी चीज का सेवन करने के बाद अपने दांतो को ब्रस करके बचाना चाहिए और तुरंत सादा पानी पीना चाहिए।
2. हड्डिया हो सकती हे कमजोर
अगर आप रोजाना बड़ी मात्रा में नींबू का रस लेते हे तो इसका बुरा असर आपकी हड्डियों पर पड़ सकता हे। नींबू एसिडिक होता हे जिसकी वजह से हड्डिया कमजोर हो सकती हे। ऐसे में कोशिश करे की नींबू पानी का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
3. पेट हो सकता हे ख़राब
कई बार लोग खाना पचाने के लिए नींबू के रस का सेवन करते हे। क्योकि इसका एसिड खाना पचाने में मदद करता हे। मगर पेट में ज्यादा एसिड हो जाने से पेट ख़राब हो सकता हे। इसलिए नींबू के रस का सेवन अधिक मात्रा न करना चहिए।
4. कुछ सावधानिया
नींबू पानी सभी लोगो के लिए फायदेमंद ही हे मगर कई लोगो को इसका साइडइफेक्ट होता हे। अगर किसी को नींबू पानी पिने से साइडइफेक्ट देखे तो तुरंत ही इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। अगर आपको विटामिन सी प्राप्त करने के लिए पीना हे तो आधा नींबू निचोड़कर पीना चाहिए ताकि कोई साइडइफेक्ट न हो।
नींबू पानी बनाने का तरीका इस वीडियो में
नींबू की खेती के बारे में जानकारी
1. जलवायु
नींबू की बागबानी के लिए गर्म और नम जलवायु की जरूरत होती हे।उपोष्ण कटिबंधीय और अर्ध शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में नींबू का उत्पादन अधिक मात्रा होता हे। नींबू का उत्पादन भारत में किसी भी जलवायु में की जा सकता हे। इसके लिए 20 से 30 सेंटीग्रेड औसत तापमान उपयुक्त होता हे। 75 से 200 सेंटीमीटर की बारिश वाले क्षेत्रों में नींबू की खेती अच्छी होती हे।
2. मिट्टी
नींबू की खेती के लिए बलुई दोमट मिटटी की आवश्यकता होती हे। इसके अतरिक्त लेटराइड और अम्लीय श्यारीय मिट्टी में भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती हे। भारत में कई राज्यों में नींबू की खेती की जाती हे जैसे की हरियाणा, मध्यप्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि।
3. नींबू की खेती का समय
नींबू के पौधे लगाने का सही समय जुलाई से अगस्त होता हे। जबकि अच्छी सिंचाई की सुविधा होने पर फरवरी-मार्च में भी इसकी बागबानी की जा सकती हे। जबकि नर्सरी की तैयारी इससे पहले ही कर लेना अच्छा होता हे।
4. नींबू की उन्नत किस्मे
नींबू की कई किस्मे देखने को मिल जाती हे जैसे की कागजी नींबू, प्रामालिनी, विक्रम किस्म का नींबू, मीठा नींबू आदि इसमें से आपको किस किस्म की बागबानी करनी हे ये तय करना होता हे।
5. खेती की तैयारी
नींबू की खेती के लिए शरुआत में खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेषों हटाकर खेत की गहरी जुताई कर दे। उसके बाद खेत में कल्टीवेटर के माध्यम से दो से तीन अच्छी तिरछी जुताई कर दे। जुताई बाद खेत में पाटा लगाकर उसे समतल बना दे। नींबू के पौधे लागने के लिए खेत में गड्डे तैयार किये जाते हे जिसके बिच 10 फिट की दुरी रख्ही जाती हे। और गड्डा 70 से 80 Cm चौड़ा और 60 Cm गहरा होना चाहिए।
6. पौधा रोपाई
नींबू की पौधे रोपाई पौधे के रूप में की जाती हे। इसके लिए पौधे नर्सरी से लाने चाहिए। और उसे हमने जो खेत में गड्डे किये थे उसमे लगा लेना। बाद में उसे मिट्टी से भर देना चाहिए। और तुरंत ही सभी पौधे को सिंचाई की आवश्यकता होती हे तो सिंचाई कर दे।
7. सिंचाई
अधिक उत्पादन के लिए पौधे को सिंचाई की अधिक जरूरियात होती हे। गर्मियों के मौसम में पौधे को 10 दिन सर्दियों में 20 दिन अंतर्गत पानी देना होता हे। और बारिश के मौसम में जब पौधे को सिंचाई आवश्यता हो तब सिंचाई करनी चाहिए। नींबू की बागबानी के लिए ड्रिप पद्धति से सिंचाई करना सही होता हे।
8. नींबू में लगने वाले रोग
नींबू में कई तरह के रोग दिखने को मिल जाते हे। अत: सही समय पर रोग प्रबंधक करना भी नींबू की बागबानी के लिए बेहद जरुरी होता हे। इसके लिए रोजाना पौधे की देखभाल करते रहना चाहिए। ताकि कोई रोग पौधे पर दिखे तुरंत ही इसका इलाज हो जाये। और फसल को कोई नुकशान न हो।
9. फलो की तुड़ाई
नींबू के पोधो पर फूल आने के तीन से चार माह पच्यात फल आने लगते हे। फलो की तुड़ाई तब की जाती हे जब वो पूर्ण आकार प्राप्त करते हे। जब फलो का रंग पीला और आकर्षक दिखाई दे तब उसकी तुड़ाई की जाती हे। और तुड़ाई बाद इसको धो कर सूखा कर साफ करके लकड़ी के बॉक्स में पैक करके बाजार बेज सकते हे।
अक्शर पूछे जाने वाले सवाल
1. एक दिन में कितने नींबू खाना चाहिए ?
⇨ एक दिन में अधिक से अधिक 2 नींबू का रस ले सकते हे।
2. नींबू की किस्म में सबसे लोकप्रिय किस्म कौनसी है ?
⇨ नींबू की किस्म में सबसे लोकप्रिय किस्म कागजी नींबू है।
3. नींबू में कौनसे कौनसे पोषक तत्व पाए जाते हे ?
⇨ नींबू में विटामिन सी, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयरन, फाइबर आदि। और नींबू में सेंट्रिक एसिड भी पाया जाता हे।
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” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “