अमरुद के बारे में जानकारी | Guava Fruit Information In Hindi

     हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले हे अमरुद के बारे में जानकारी, अमेज़िंग फैक्ट्स, अमरुद खाने के फायदे और नुकशान, अमरुद की खेती, और faq तो उम्मीद हे की आपको यह हमारा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे अमरुद के बारे में…

 अमरुद के बारे में जानकारी

अमरुद के बारे में जानकारी

 

     अमरुद एक फल हे जो स्वाद में मीठा और रंग में हल्के हरे रंग का होता हे। अमरुद का फल आकार में संतरा की तरह गोल होता हे। इस फल में बीज भी पाए जाते हे जिसे फल की गुदा के साथ खाया जाता हे। यह फल भारतीय बाजारों में आसानी से मिल जाता हे। अमरुद स्वास्थ्य के लिए बहोत ही लाभदायक फल माना जाता हे क्युकी इस फल में कई तरह के विटामिन और खनिज होते हे। जैसे की विटामिन ए, बी और सी अधिक मात्रा में पाए जाते हे इसके आलावा इसमें लोहा, चुना, फास्फोरस, मेग्नेशियम, पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती हे। जो रोग प्रतिकारक श्रमता को बढ़ाता हे और कई बीमारियों से लड़ने में सहाय करता हे। अमरुद में संतरा से भी ज्यादा विटामिन सी होता हे जो शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होता हे।

    अमरुद की उत्पति वेस्ट इंडीज से हुई हे। बाद में भारत में यह फल इतना मिल गया की इसकी खेती यहां अत्यंत सफलतापूर्वक की जाती हे। अमरुद एक ऐसा फल हे जिसमे कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हे। सर्दियों में अमरुद खाने से फायदे ही फायदे हे। जैसे की दाँतो के रोगो के लिए अमरुद बहोत फायदेमंद फल माना जाता हे। और फायदे निचे हे.. 

अमरुद के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स

1. अमरुद एक फल हे जो स्वाद में मीठा और रंग में हल्के हरे रंग का होता हे। 

2. अमरुद की उत्पति वेस्टइंडीज से हुई थी। 

3. अमरुद में विटामिन ए, बी, सी और लोहा, चुना, फास्फोरस, मेग्नेशियम, पोटैशियम अधिक मात्रा में पाए जाते हे। 

4. भांग का नशा अमरुद से या अमरुद के पत्ते का रस पिलाने से उतर जाता हे।  

5. कब्ज जैसी बीमारी को दूर करने के लिए भूखे पेट अमरुद खाना उत्तम हे। 

6. अमरुद के पत्तो को चबाने से दांतो की पीड़ा दूर होती हे। 

7. अमरुद पर नमक डालकर खाने से पेट दर्द से राहत मिलती हे। मगर अधिक अमरुद खाने से पेट दर्द भी हो सकता हे। 

8. अमरुद की कोमल पत्तिया उबालकर पिने से पुराने दस्त ठीक हो जाते हे। 

अमरुद खाने के फायदे

1. कब्ज की समस्या से राहत

   कई लोगो में आजकल कब्ज की समस्या होती रह्ती हे इसलिए खाली पेट अमरुद का सेवन करने से कब्ज की समस्या से आराम मिलता हे। अमरुद में फाइबर पाया जाता हे जो मल को नरम बनाता हे और इससे मल आसानी से निकल जाता हे। 

2. दिमाग को तेज बनाता हे

   अमरुद में विटामिन बी-3 और बी-6 भरपूर मात्रा में पाए जाते हे। जिन्हे मस्तिक के लिए अच्छा माना जाता हे। इसके सेवन से दिमाग स्वस्थ और तेज बनता हे और साथ ही ध्यान में भी सुधार लाता हे। यानी यह ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया में सुधार करता हे। 

3. वजन घटाने के लिए

    अमरुद वजन कम करने में काफी फायदेमंद होता हे। अमरुद में फाइबर की अधिक मात्रा होती हे और इसे सुबह खाली पेट खाया जाये तो इससे लम्बे समय तक भूख नहीं लगती साथ ही आप ओवरईटिंग से भी बचते हे। इससे वजन नियत्रण में रहता हे। और वजन कम करने में भी मदद मिलती हे। 

 

4. आँखों के लिए

   अमरुद में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता हे। जो आँखों के लिए बहोत ही फायदेमंद होता हे। अमरुद का सेवन करने से आँखों के स्वास्थ में सुधार आता हे। 

5. पेट में जलन शांत करे

   अमरुद की तासीर बहोत ठंडी होती हे। ऐसे में यह पेट की जलन शांत करने में कारगर हे। पित प्रकृति के लोगो के लिए अमरुद का सेवन करना काफी फायदेमंद होता हे। साथ ही यह पाचन में भी आसान होता हे। 

अमरुद खाने के नुकशान

1. पाचन शक्ति करे कमजोर

   अधिक मात्रा में अमरुद का सेवन करने से पेट सबंधित समश्याए जैसे की पेट का फूलना, सूजन, अपच, गैस आदि हो सकता हे। जिन लोगो की पाचन शक्ति कमजोर हे उन्हें अमरुद कम मात्रा में ही खाने चाहिए। क्युकी इसमें फाइबर अधिक होता हे। जो आपके पेट को ख़राब कर सकता हे। 

2. सर्दी खांसी में

   अगर आप को ठंड या सर्दी-खांसी की ज्यादा परिशानी हे तो ऐसे में अमरुद का सेवन कम करना चाहिए। क्योकि अमरुद की तासीर ठंडी होती हे और इससे ठण्ड लग सकती हे। 

3. किडनी स्टोन होने पर

    जिन लोगो को किडनी में पथरी होने की समस्या हे। इन्हे अमरुद का सेवन न करना चाहिए खास करके अमरुद के बीजो को क्योंकि अमरुद के बीज गुर्दे में पथरी के विकास का कारण बनते हे। 

अमरुद की खेती की जानकारी

अमरुद की खेती के बारे में जानकारी

 

1. जलवायु

   अमरुद की बागबानी के लिए गर्म और शुष्क जलवायु अनुकूल माना जाता हे। इसकी अच्छी पैदावार के लिए 15 से 30 सेंटीग्रेड तापमान सही होता हे।

2. पौधा लगाने का समय

   अमरुद के पौधे बारिश के समय जुलाई और अगस्त महीने में लगाने चाहिए। सिंचाई की उचित व्यवस्था हो तो फरवरी-मार्च में भी अमरुद के पौधे लगा सकते हे। 

3. उपयुक्त मिट्टी

   वैसे तो अमरुद की खेती सभी तरह की मिट्टी में की जा सकती हे मगर बुलई दोमट मिट्टी इसकी बहेतर उपज के लिए आदर्श मानी जाती हे। 

4. अमरुद की खेती की तैयारी

    अमरुद की बागबानी से पहले गर्मियों के दिनों में खेत की गहरी जुताई कर ले। जून महीनो में ही अमरुद की नर्सरी तैयार कर ले गड्डे की गुड़ाई भी गर्मी के दिनों में करके खुला छोड़ दे ताकि सूरज की धुप खा ले। 

5. अमरुद की विविध किस्मे

   अमरुद की बागबानी के लिए उन्नत किस्म का चुनाव करना बेहद अहम होता हे। अमरुद की कई तरह की किस्मे दिखने को मिल जाती हे जैसे की ललित, इलाहबाद सफेदा, पंत प्रभात, आर्क मुर्दुला आदि किस्मे हे जिसमे से आपको बागबानी के लिए एक किस्म को चुनना होता हे। 

6. पौधा रोपण

    वैसे तो अमरुद को कई तरह से लगाया जा सकता हे मगर अमरुद का पौधा कलम विधि तैयार करके लगाना सबसे सही माना जाता हे। क्योकि कलम विधि से लगाए गए पौधे पर फल जल्दी आते हे और बीज द्वारा लगाए गए पोधो पर फल आने में ज्यादा समय लगता हे।

     इन पोधो को लगाने के लिए जो गड्डे खुला छोड़ के रक्खे थे उनमे 10 किलो गोबर खाद्य, सिंगल सुपर फॉस्फेट 500 ग्राम, 250 ग्राम पोटाश और 100 ग्राम मिथाइल पेराथियोन पावडर डाले। बाद में पौधा रोपाई की जाती हे। 

7. पौधे को सिंचाई

   पौधा रोपाई के बाद तुरंत ही सिंचाई कर देने चाहिए। अमरुद का पौधा शुष्क जलवायु वाला होता हे इसलिए इसकी फसल को कम सिंचाई की आवश्यकता होती हे। अगर आप सर्दियों के मौसम में फसल प्राप्त करना चाहते हे तो उसके लिए आपको गर्मियों के मौसम में पौधे को 3 से 4 बार पानी देना होता हे। और सर्दियों के मौसम में पौधे को 2 से 4 बार सिंचाई की आवश्यकता होती हे। तथा बारिश के मौसम में पौधे को 2 से 3 बार पानी देना होता हे। 

8. फसल पर लगने वाले रोग

    अमरुद में वैसे तो बहोत कम रोग दिखने को मिलते हे मगर कई बार रोग दिखने को मिल जाते हे जैसे की उकठा, छाल भक्षक इल्ली हे। जो फसल में न आये इसलिए फसल को रोजाना देखते रहना चाहिए।

9. फलो की तुड़ाई 

    अमरुद के पौधे पर फूल आने के 120 से 140 दिनों के बाद अमरुद के फलो की तुड़ाई की जाती हे। उस समय फल हरे से हल्के पीलेपन पर आ जाते हे। तब इस फल की तुड़ाई कर लेनी चाहिए और तुड़ाई करके इन्हे लकड़ी के बॉक्स में पैक करके बाजार भेज दिया जाता हे। एक पौधे से साल में करीबन 400 से 600 फल लिए जाते हे।

अक्शर पूछे जाने वाले सवाल

1. अमरुद की उत्पति कहा हुई थी ?

अमरुद की उत्पति वेस्टइंडीज में हुई थी। 

2. अमरुद में कोनसे तत्व पाए जाते हे ?

⇨ अमरुद में विटामिन ए, बी, सी और लोहा, चुना, फास्फोरस, मेग्नेशियम, पोटैशियम आदि तत्व पाए जाते हे। 

3. अमरुद का पौधा किस समय लगाना चाहिए ?

अमरुद का पौधा बारिश के समय जुलाई और अगस्त महीने में लगाना चाहिए और सिंचाई की उचित व्यवस्था हो तो फरवरी-मार्च में भी अमरुद का पौधा लगा सकते हे।

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” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “