Gussa Shayari In Hindi
लगा रहता हे हमारा रूठना मनाना तो
हमारी आँखों में प्यार और उनके
चहेरे पर गुस्सा तो सदा रहता हे।
शिकायते थी उनसे कहने को तो अनेक
वो जरा सा पास क्या आये सारा
गुस्सा मोम सा पिघल गया।
नाराज होने का मन तो मेरा भी
करता हे पर फिर याद
आया की मनाने वाला तो कोई नहीं हे।
बच्चो की तरह रूठ जाऊ आज
दिल कह रहा था
पर फिर सोचा क्या फायदा
मनाएंगा कोण।
आजकल बेहद गुस्सा करते हो
नफरत करने लगे हो या
मोहब्बत ज्यादा हो गई।
खुद को जलाती हे माचिस दुसरो को
जलाने से पहले
गुस्सा भी एक माचिस की तरह हे
यह दुसरो को बर्बाद करने से पहले
खुद को बर्बाद करता हे।
नजरे चुराते हो दिल बेक़रार करते हो
ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो
लाख छुपाओ दुनिया से मुझे खबर हे
तुम मुझे खुद से भी ज्यादा प्यार करते हो।
वो लोग सच्चे होते हे जिन्हे
गुस्सा आता हे
मैने झूठो को अक्शर मुस्कुराते
देखा हे।
वो हमसे गुस्सा हुए बैठे हे न जाने क्यों
बात करना तो दूरकी बात हे वो
हमारी शक्ल तक देखना नहीं चाहते हे।
Gussa Shayari Image
प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता हे
दो पल के गुस्से से
होश जब आता हे तो वक्त निकल
जाता हे।
उनके कुछ नहीं लगते हम ये
कैसे कह दू
उनके गुस्से पर आज भी हमारा
ही हक हे।
गुस्सा क्या हे किसी ने एक
नाराज शक्श से पूछा
उसने बहोत खूबसूरत जवाब दिया
दूसरे की गलती की सजा खुद को देना।
उसका प्यार दीखता हे गुस्से में भी
तकलीफ भले मुझको दे
दर्द उसको होता हे।
एक जैसा होता हे उनका गुस्सा
और मेरा प्यार
क्युकी ना तो उनका गुस्सा कम
होता हे और ना ही प्यार।
आजकल बस अंदाज सही हे में बदला नहीं
खामोश रहता हु पर गुस्से में
मिजाज वही हे।
तुमसे कम नहीं होंगी कभी
मेरी जिद भी
तुम्हारा गुस्सा कम नहीं होगा तो
मेरा प्यार भी कम नहीं होगा।
मुझ पर नाराजगी में तुम्हे
गुस्सा करने का हक हे
ये मत भूल जाना की हम बहोत
प्यार करते हे तुम्हे।
खुद पर तब आता हे सबसे ज्यादा गुस्सा
जब प्यार भी हम करे, इंतजार भी हम करे
जताये भी हम और रोये भी हम।
गुस्सा करने वाले ही मिले मुझे
मेरे गुस्से पर
मनाने वाला तो कोई हे ही नहीं।
Gussa Shayari 2022
कभी हम गुस्सा करते हे कभी वो
गुस्सा करती हे
भूल जाते हे हर बार पर दोबारा
वही किस्सा करते हे।
आप हमपे इतना गुस्सा करते हो
क्यों आजकल
हर घडी हर पल हमसे खफा
खफा से रहते हो।
गुस्से की नजर से देखा हे
आज मुझे भी
मालूम नहीं आज वो किस किस
से लड़े हे।
बर्दाश कर ले जो दोस्त
तुम्हारा गुस्सा और तुम्हारे साथ रहे तो
समझ लो की तुम्हारा सच्चा दोस्त हे।
मुझे प्यार आ रहा हे जिसे देखकर
वही कहकर चला गया
तेरी हरकते मुझे गुस्सा दिला रही हे।
कितना प्यार हो गया हे तुमसे
पता नहीं
गुस्सा होने पर भी तुम्हारी बहोत
याद आती हे।
गुस्सा करने का हक हे मुझ पर बेशक तुम्हे
पर नारजगीमे पर ये मत भूल जाना
की हम बहोत प्यार करते हे तुमसे।
रायता ना फेलाओ गुस्से में कभी इतना
की चाहकर भी उसे सिमट ना
पाओगे।
आईने में मुझसे रूबरू था कोई शक्श
गुस्से में मुझे देखकर वो रोने
लग गया।
मझे यु छोड़ के जाने का
गुस्सा तो बहोत हे
उम्मीद भी इतनी हे फिर से
लौट कर आने की।
Gussa Par Shayari
गुस्सा आता हे जब कोई और
तकलीफ दे तो
पर जब कोई अपना तकलीफ दे तो
रोना आता हे।
गुस्सा करना भी नहीं आता तुम पर
न जाने कितना प्यार कर बैठा
हु तुमसे।
इश्क निभाती हे हमसे वो कुछ
अजीब तरह से
हमी पर गुस्सा कर फिर कंधे पर
सर रख सो जाती हे वो।
बाते तो करता हे गुस्से में
आदमी बेकार की
मगर कई बार बेकार की बात भी
कर जाता हे।
अपनी ताकत बना सकते हे
जो अपने गुस्से को
वो एक ना एक दिन जरूर
सफल होते हे।
आप पर गुस्सा करना छोड़ दे
जिस दिन आपका कोई खास
तो समझ लेना आपने वो
इंसान खो दिया हे।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )