Shaam Shayari In Hindi
हर शाम सुहानी क्या बताऊ तुम्हे
बड़े ही नजाकत से मिला हु तुम्हे
अपनी आशिकी पर बेजुबानी किस्से
जब हार कर भी हर बार जितना हे तुम्हे।
मुझको अहसास हे तुमको अहसास हे
शाम भी ख़ास हे वक्त भी ख़ास हे
इस से ज्यादा तुजे रब से क्या चाहिए
में तेरे पास हु तू मेरे पास हे।
हर शाम इन्तजार रहा बस एक शाम का
मगर वो शाम किसी शाम भी
न आयी।
पंख लगाकर उड़ जाये ये शाम
तुम आओ तो
मिलो लम्बी रात सिमट कर
पल दो पल हो जाये।
कब तक शोर करेंगे ख्वाबो के पंछी
पलकों पर शाम ढलेंगी और
सन्नाटा शाखों पर हो जाएगा।
सूरज भी अब छुपने लगा हे
शाम का ये खूबसूरत समां हे
अँधेरा हो चला हे पर तू न जाने
कहा घूम रहा हे।
जब रंग बदला आज ढलती
हुई शाम ने
तो मुझे बदले हुए लोगो की
बहोत याद आयी।
मिलने का वादा करू जब में शाम
होने पर इश्क वो हे
और वो दिन भर सूरज का होने का
अफ़सोस करे।
Shaam Shayari Image
एक शाम जाती हे तेरी याद लेकर
एक शाम आती हे तेरी याद लेकर
हमें तो उस शाम का इंतजार हे
जो आये तुम्हे साथ लेकर।
डूबते सूरज को इस तरह वो रोज
देखता हे
काश में किसी शाम का मंजर होता।
उस की जुदाई लिखी मेरे नसीब थी
जो मासूम सी लड़की मेरे करीब थी
सवरती थी शामों को मेरी खातिर
मुझ से बिछड़ने वाली लड़की अजीब थी।
काँटों में ही गुलाब खिला करते हे
आंधी में ही दिए जला करते हे
खुशनसीब होती हे वो शाम
जिसमे आप जैसे लोग मिला करते हे।
मुस्कान अधूरी लगती हे एक दर्द
छुपा हो सीने तो
जाने क्यों बिन तेरे मुझको हर
शाम अधूरी लगती हे।
नजरो से उतर जाते हे शाम तक सुबह की
इतने समजोतो पे जीते हे की
मर जाते हे।
दिल कुछ बात कर रहा हे
इस शाम की तन्हाई से इस शाम
की गहराई से
जरा समझो इन फिजाओ की चुभन को
शायद तुम्हे कोई दिल से
याद कर रहा हे।
काश ये शाम मोहब्बत की रुके ना
काश ये शाम कभी ढले ना
हो जाए आज दिल की सारी चाहते पूरी
और दिल की कोई चाहत बचे ना।
Shaam Shayari 2022
कितना अजीब हे जिंदगी का
फलसफा भी
शामे कटती नहीं और साल
गुजरते चले जा रहे हे।
सूरज के ढलने का सुबह से
इंतजार रहता हे
मानो जैसे यह शाम आप को
साथ लाने वाली हो।
कुछ शर्ते लेकर आती हे जिंदगी
की हर सुबह
और जिंदगी की हर शाम कुछ
तजुर्बे देकर जाती हे।
तेरी याद दिलाती हे मुझे तेरी
मासूमियत
शाम की यह सुहानी हवा तेरी
और खींच जाती हे।
तेरा नाम मेरे नाम के साथ अच्छा लगता हे
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुडी हो
किसी हसीन शाम के साथ।
प्यार में छलकता हुआ जाम हो तुम
फिजा में महकती हुई शाम हो तुम
सीने में छुपाये फिरते हे हम यादे तुम्हारी
इसलिए मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम।
ऐसी भी कोई शाम आ जाये
काश हमारी किस्मत में
एक चाँद फलक पर निकला हो
एक छत पर आ जाये।
अब मुझे प्यार के अंजाम से डर लगता हे
रोज ढलती हुई शाम से डर लगता हे
जब से तुमने मुझे धोखा दिया
तब से मोहब्बत के नाम से भी डर लगता हे।
Shaam Par Shayari
ज़रा शाम होने दो अभी सूरज नहीं डूबा
में खुद ही लौट आऊंगा मुझे
नाकाम होने दो।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )