Kudrat Shayari In Hindi
ताजगी भरी हरियाली से इन्हे सजाई हे
कुदरत ने वाह क्या दुनिया बनाई हे
खुशियों का हे ये जहा अपना
सबके लिए प्यार नहीं कई कोई बुराई हे।
जरुरी था साहेब कुदरत का कहर भी
रह कोई खुद को खुदा समज
रहा था।
एक बात अच्छी तरह समझाई
इस कोरोना वाइरस ने
इंसान चाहे कितनी तरक्की कर ले
पर वो कुदरत के साथ
कभी मुकाबला नहीं कर सकता।
इंसान का घमंड जागा हे फैला कर
कचरा हवा में
पूछता हे कुदरत से बता तूने क्या
इस खेत में सजाया हे।
हम न सुधर सके
कुदरत ने बहोत मौके दिए पर
कुदरत के किये वादे को न पूरा कर सके
तब तो कुदरत नाराज हे मौत का राज हे।
कोई पेड़ फल नहीं उगाता किसी
के फरमान से
कोई चाकू की नौक से मौसम
नहीं बदल पाता।
नाराज मत होना अगर कोई
तुम्हारा दिल दुखाये तो
क्युकी कुदरत का कानून हे
जिस पेड़ का फल ज्यादा मीठा होता हे
लोग पथ्थर उसी पे मारते हे।
कुदरत ने रंगीन नहीं रखे आंसू
ये तो अच्छा हुआ
वरना जिसके दामन में गिरते वो भी
बदनाम हो जाता।
Kudrat Shayari Image
जो बाटेंगे वही आपके पास बेहिसाब होगा
कुदरत का यह एक असूल हे
फिर चाहे वो दौलत हो, इज्जत हो या नफरत
हो या धोखा।
मानसिक बिमारी हे अकड़ और अभिमान
जिसका इलाज कुदरत और समय
जरूर करता हे।
कुदरत के ही तो नज़ारे हे कही पर गम
कही सरगम ये
प्यासे तो वो भी रह जाते हे जिनके
घर दरिया किनारा हे।
ये फरमान निकाला हे
हाल फ़िलहाल कुदरत ने
सुधर जाओ अभी वरना वक्त
अपना कहर बरसाने वाला हे।
शिकायत मत करना कुदरत के नियमो से
नजरो को कभी शर्मिदा मत करना
रब खुद ही देगा सब कुछ आपको
वक्त से पहले फरियाद मत करना।
एक मंजर हे दुनिया में चलरही
आज की यह तबाही
वीरान हो रहे हे शहर आज इंसान को
बता रहे हे तुमने कुदरत को
बहोत ही सताया हे।
कलम कुदरत के हाथ हे फ़िक्र मत कर बन्दे
लिखने वाले ने लिख दिया तक़दीर तेरे साथ हे
फ़िक्र करता हे क्यों फ़िक्र से होता हे क्या
रख खुदा पे भरोसा देख फिर होता हे क्या।
मेरी तन्हाई की कितनी फ़िक्र हे
कुदरत को
जागते रहते हे रात भर सितारे
मेरे लिए।
Kudrat Shayari 2022
दिलो में छिपी दौलत नहीं देखि
खुदा ने बनाई कुदरत नहीं देखि
जो कहता हे दुरी से मिट जाती हे दोस्ती
उसने शायद हमारी दोस्ती नहीं देखि।
दुनिया साथ नहीं देती कुदरत
साथ न दे तो
मेरी अपनी ही परछाई मुझे
धुप आने के बाद मिली।
मौसम के तेवर लम्हो में बदल जाते हे
कुदरत की नजाकत भी हसीनो
से कम नहीं।
जनाब कुदरत के साथ गुनाह तो
कुछ गिनोने हुए हे
वरना गंगा जल की जगह शराब
से हाथ न धोने पड़ते।
कुदरत का करिश्मा होता हे
हर एक सवेरा
बेपरवाह होते हे वो लोग जिन्हे
सुबह देर तक सोना होता हे।
में उससे पीछा तो छुड़वाना चाहता तो था
मगर कुदरत का करिश्मा तो देखो
मेरी रूह के पीछे पीछे उसकी
रूह भी आ खड़ी हुई।
जिंदगी के मौसम का पतझड़ भी हिस्सा हे
फर्क सिर्फ इतना हे कद्र्त में
पत्ते सूखते हे
और हकीकत में रिश्ते।
कभी कुदरत हमारे लिए भी कर दे
ऐसी कोई साजिस
कसम खुदा की ये मौका हम किसी
कीमत पर ना छोड़ेंगे।
Kudrat Par Shayari
देखो चारो तरफ हरियाली हे
कुदरत का यह करिश्मा हे
हम इनको हे काटते और
यह करती हमारी रखवाली हे।
कैसी ये बेबसी और मज़बूरी हे
कुदरत के आगे
बेगुनाह होकर भी देखो कैसे सब
अपने ही घर में कैदी हे।
दुनिया का ही अंत हो जाता अगर हर
किसी की इच्छा पूरी हो जाती तो
इसलिए कुदरत इंसान को वो ही देता हे
जिनके लायक वो खुद को बनाता हे।
हम क्या करे कुदरत के इन हसीन
नजारो का
तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों
का क्या करे।
Nature Shayari In Hindi
कौन किसके करीब होता हे
क्या करिश्मा हे कुदरत का
रिश्ते तो वही बनते हे जहा
जिसका नसीब होता हे।
कुछ नहीं मिलता दोस्तों बिना
महेनत के
कुदरत चिड़िया को खाना जरूर देता हे
लेकिन घोसले में नहीं।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )