Greed Shayari In Hindi
लालच का जन्म होता हे जब
इंसान के अंदर
तो उसके सुख और सतुष्टि को
ख़त्म कर देता हे।
एक बेटी को तुमने जला दिया
दहेज़ की लालच में
चंद रुपियो की लालच में
तुमने एक हीरा गवा दिया।
धोखा देने के लिए मजबूर कर देता हे
व्यक्ति को अक्शर पैसो की लालच।
लालच और डर होता हे जब मनमे
तो वो चीज जिनकी कोई क़ीमत नहीं
कोई हैसियत नहीं
वो भी तुम पर हावी हो जाती हे।
जिंदगी नहीं जनाब पैसा जरुरी हे
देखना इसके लालच में कही रह न जाओ
अकेले कभी
आज समझ लो अपनों के रिश्तो की क़ीमत
पैसा तो मरने के बाद रह जाएगा यही।
अँधा और बुद्धि को भष्ट कर देता हे
लालच आदमी को
जो उसके विनाश का कारण बन जाता हे।
अन्न का करते हे लोग सिर्फ उपवास
जबकि दिल में जहर, लोभ, लालच
कोर्ध बुरे विचार ही घोलते हे।
लालच नहीं होती हे जिन्हे किसी चीज की
वो अपना काम बहोत जिम्मेदारी
से करते हे।
Greed Shayari Image
समझाने वाले लाखो में हे समझने
वाला कोई नहीं
दिल से साथ कोई नहीं लालच हे
सबके आँखों में।
दुखो के भवंडर में पाते हे दुःख
को हरदम
जो हमेशा पैसो के बौछार का
लालच रखते हे।
जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हे
पृथ्वी हर आदमी की
लेकिन हर आदमी की लालच नहीं।
ये वक्त भी जवानी का अजीब
सौदागर हे
लालच दे के बचपन ले गया।
आलश्य ने हमेशा काम को टाला
ईमानदारी का कौन पिता हे हाला
इस दुनिया में सबका दिल हे काला
हदय में लालच और हाथमे माला।
उसकी सोच को विकलांग बना देता हे
लालच इंसान को अपना गुलाम बना देता हे
हां ठगी से कुछ दौलत हासिल तो हो जाता हे
पर लालची इंसान कभी भी सुकून से
जी नहीं पाता हे।
जिंदगी में सब कुछ छूट जाएगा
लोभ, लालच, धन, दौलत
जब तू तेरे शरीर को छोड़ मौत के
सफर पे जाएगा।
खुद को मेने बड़ी मुश्किल से सुलाया हे
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का
लालच देकर।
Greed Par Shayari 2022
आदमी अपने ही लालच के घेरे में हे
जिंदगी अब इस कदर अँधेरे में हे
सीखी थी उड़ान जिसने तुफानो से लड़ने को
कैद वो इंसान अपने ही बसेरे में हे।
सलाहियत कर जाए अगर ये लालच
एक बार खून में
तो समझो खुद को धकेल दिया
अंगारो में।
सब कुछ न्योछावर कर देती हे माँ
अपने बच्चो पर
बिना लालच उन्हें प्यार करती हे
भगवान का दूसरा रूप हे मेरी माँ
जो हर दुःख में मेरा साथ देती हे।
तूने अपनाया जो जग को ना
भाया उसे
किसी चीज की लालच देंगे वो हमको
जब तू ही मेरा मोह तू ही मेरी माया।
लालच, बुरी आदतों और बुरी सोच से दूर
रहता हे जो व्यक्ति
वही निश्रित रूप से शांति को प्राप्त
करता हे।
बचपन की मोहब्बत कितनी पाक होती हे
न जिस्मो की चाहत न दौलत की लालच
बस एक दूसरे के साथ की चाहत।
Lalach Par Shayari 2022
ले आया हमे माँ से दूर ये
सहूलतों का लालच
माँ के बिना हर सहूलियत बेकार
लगती हे
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )