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Prakriti Shayari In Hindi
क्या खूब रंग दिखाया हे कुदरत ने
इंसान को प्रकृति दोहन का सबक सिखाया हे
कैद होने के बाद समज आया घर में
की प्रकृति को हमने कितना रुलाया हे।
सुबह शाम और रात निराली देती हमे
प्रकृति से ही अन्न हवा और पानी
प्रकृति को हमे बचाना हे और प्यार से
उसे सवारना हे।
इस जीवन में प्रकृति हे जो स्वार्थहिन् हे
वारना मनुष्य तो अपने स्वार्थ के लिए
अपनों तक को नहीं छोड़ता।
अपना भविष्य बचाओगे
तुम बचाते हो पेड़ो को तो
वहम छोड़ झूठे जीवन का सच में
कुछ कर जाएंगे।
पेड़ो पर पतझड़ हुए बिना नए पत्ते नहीं आते
और कठिनाइया और संघर्ष सहे बिना
अच्छे दिन नहीं आते।
कुदरत के बारे में हम जितना जानते हे
उतना ही लगता हे की
हमने अभी तो कुछ नहीं जाना।
आसमान पर प्रकृति हे क्या खूब रंग बिखेरे हे
मानो हरीतिमा निखर आयी हो
जमीन की पलक पर।
हम न सुधर सके कुदरत ने बहोत
मौके दिए मगर
कुदरत के दिए वादे को हम न
पूरा कर सके
तब तो कुदरत नाराज हे मौत
का राज हे।
Prakriti Shayari Image
लिपटी ये धरती जब सफ़ेद चादर से और
नीले आसमान से तो
दोनों लगते हे एक समान।
आज हवाएं महक रही आज पकृति
नाच रही
भारत माँ के होठो पर लाख दुवाये
चमक रही।
हदय को शांत करती हे प्रकृति की सुंदरता
दिन से रात का यह मिलन पिय से
पिया का आगाज करता हे।
कोई वजह नहीं वैसे तो नाराजगी की
बस यु ही जिद में नाराज हु
सब कुछ अपना था गांव में मगर
तेरे लिए यहां किरायेदार हुए बैठा हु।
दिल को सुकून देने वाली थी
वो मौसम जैसी खूबसूरत सुहानी
पर में प्रकृति के बदलने से अनजान था।
समजो कुदरत को और उसके पास रहो
और प्यार करो
यह आपको कभी निराश नहीं करेंगी।
सबके जीवन में फूलो से सीखिए रंग भरना
ऊंचाइयों को छूना पेड़ो से सीखिए
कलियों से सीखिए मुस्कुराकर जीना
काँटों से सीखिए कष्टों से उबरना।
सूरज की रौशनी की तरह रखिये अपना चहेरा
आपको पड़छाई दिखाई देंगी।
Prakriti Par Shayari
सबसे सुंदर उपहार पकृति का
यह चारो और देखने और जो हम देखते हे
उसे समझनेका प्रयास करने की
ख़ुशी देती हे।
सूखे पत्ते निचे गिरे अदब से चलना जरा
कभी कड़ी धुप में तुमने इनसे
ही पनाह मांगी थी।
सबसे अच्छी होती हे पानी की याद्दाश
वो हमेशा वहा जाने का प्रयास
करता हे जहा वो पहले था।
आत्मा को सुख देता हे प्रकृति का प्रेम
और सुखी आत्मा इंसान को
अंदर से खुस रखता हे।
खिलवाड़ मत करो प्रकृति के नियमो के साथ
क्योकि जब वो बदला लेंगी तो आप
इसके वार को सहन नहीं
कर पाओगे।
निकल पड़ना कुदरत को देखने
जब भी उदास हो तो
जितनी ये खूबसूरत हे वो आपको इतना
ही खूबसूरत बना देंगी।
हमारी माँ की तरह हे प्रकृति ये हमे तब तक
नहीं फटकारती
जब तक की हम कोई गलती नहीं करते।
प्रकृति के लिए लड़ना छोड़कर लोगो ने
लड़ना अपनी प्रकृति बना ली हे।
Prakriti Shayari 2021
खुद को रंग लिया आज मेने प्रकृति के रंग में
और में भी अब रंगीन और
अनमोल हो गया।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद )