मौसम पर शायरी | Mausam Shayari In Hindi

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Mausam Shayari In Hindi

मौसम शायरी

 

 कुछ ऐसा खुमार हे मौसम का 

मन करता हे चीख कर कह दू 

हमको तुमसे बहोत प्यार हे। 

 

दिल खुस हो गया मौसम आज 

तेरी अदा पर 

याद मुझे आई और बरस तू गया। 

 

कई मौसम गुजरे हे तेरी जुल्फों के साये में 

हम तो मर ही गए थे 

लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे हे। 

 

ऐसे ही खास नहीं होता मौसम सुहाना 

जब तक मीठी मीठी बाते ना हो 

प्यार का अहेसास नहीं होता। 

 

ये नए मौसम की बारिश क्या रोग दे गई 

मुझे याद आ रहे हे मुझे भूल 

जाने वाले। 

 

Mausam Shayari In hindi

 

खुला मत छोड़ो तुम्हारे बालो को 

बेवक्त इस दिल का मौसम

 बदल दते हे। 

 

आँधियो से चलने से सुहाना मौसम 

भी बिगड़ जाता हे 

धोखेबाज भी बदल जाते हे 

धोकेबाजियो के चलने से। 

 

 

बड़ा ही सुहाना लगे तुम्हारे 

शहर का मौसम 

में एक शाम चुरालु अगर 

बुरा न लगे तो। 

 

आज इन हवाओ में भी कुछ मीठी 

सी ठंडक हे 

शायद मौसम भी किसी की याद 

में सर्द हे। 

 

Mausam Shayari Image

 

Mausam Shayari Image

 

बदलता मौसम, बदलते रिश्ते और 

बदलते लोग 

चाहे दिखाई ना दे पर महेसुस 

जरूर होता हे। 

 

गम और शिकवे छोड़ दो जनाब 

बदलने पर तो मौसम भी 

सुहाना लगता हे। 

 

 

तैयारी के साथ ही हमेशा रहना 

मौसम और इंसान कब बदल जाये 

इसका कोई भरोसा नहीं। 

 

Image For Mausam Shayari

 

दिल बस यही कहे जाये मौसम का 

खुमार हे 

एक कप चाय के साथ एक प्लेट 

पकोड़े हो जाये। 

 

सावन की बौछार पड़ी हे मौसम की मिजाज में 

एक धधुला सा चहेरा हे सामने 

जो बूंदो के पार खड़ी हे। 

 

आया भी तो बरसाद के मौसम में 

वो मेरे रूबरू 

मेरे आंसू बह रहे थे और वो 

बरसाद समझ बैठा। 

 

बारिश पर शायरी

मुझसे वाकिफ हे यु तो हर रंग का मौसम 

मगर रात की तन्हाई मुझे कुछ 

अलग ही जानती हे। 

 

Best Mausam Shayari

 

Mausam Par Shayari 2022

 

रोज रजाई कहती हे ठंड के मौसम में 

अंदर तो आ गए बहार 

कैसे जाओंगे। 

 

मुझे भी रुला के जाता हे खुद भी रोता हे 

ये बारिश का मौसम उसकी 

याद दिला के जाता हे। 

 

मेरा मन बदल रहा हे मौसम का 

रुख बदल रहा हे 

कहता हे महबूब से मिल ले अब 

दिल नहीं संभल रहा हे। 

 

ठण्ड पर शायरी

मेरे दोस्तों पर न्योछावर कर दे 

ये गुलाब अपनी खुशबु को 

यह सर्दी के मौसम में अक्शर 

नहाया नहीं करते। 

 

Mausam Par Shayari

 

कही फिसल न जाऊ में चलते चलते 

तुम्हारे ख्यालो में 

अपनी यादो को रोक मेरे शहर में 

बारिश का मौसम हे। 

 

मौसम ऐसा रो पड़ेगा हमें क्या पता था 

हमने तो आसमान को बस अपनी 

दास्ता सुनाई थी। 

 

आम्बो हवा का तो पता नहीं इश्क की 

मगर जब से तुम मिले हो 

मौसम रंगीन सा हे। 

 

Romantic Mausam Shayari

 

Romantic Mausam Shayari

 

कैसे गुलाब दे भला कोई उस को 

आने से जिसके खुद मौसम 

ही गुलाबी हो जाये। 

 

कुछ मौसम रंगीन हे कुछ 

अपना अंदाज 

तारीफ करू या चुप रहु जुर्म 

दोनों ही रंगीन हे। 

 

( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )