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Zikr Shayari In Hindi
तेरी यादे हे दिल में
और जुबा पर तेरा ही जिक्र हे
में कहता हु के ये इश्क हे
और तू कहती हे ये फ़िक्र हे।
तुम्हारा जिक्र तक नहीं
अखबार के किसी भी पन्ने में
लोग यु ही कहते हे की
दुनिया भर की खबरे आती हे इसमें।
दिल का हाल जिंदगी में किसी
ने भी न पूछा
अब शहर भर में जिक्र मेरी
खुदखुशी का हे।
आज मेरा जिक्र हे
मोहब्बत की महफ़िल में
अभी तक याद हु उसको
खुदा का शुक्र हे।
पूछ लेना कभी तुम
कभी हम भी जिक्र कर लेंगे
छुपाकर दिल के दर्द को
एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे।
तेरी हवाओ से जिक्र करते हे अब
ये तूफान बनके तेरे शहर
से गुजरे तो माफ़ करना।
लबो पर नहीं लाते वो उनका जिक्र कभी
सब कुछ कह देती हे उनकी बेचैनी
वरना वो किसी को कुछ नहीं बताते।
किसी से जिक्र मत करना मुझे
भूल जाने का
में लोगो से कह दूंगा उसे
फुर्सत नहीं मिलती।
Zikr Shayari Image
मेरी बर्बादियों का जिक्र होता हे
जिस जगह
तेरा भी नाम लेती हे दुनिया
कभी कभी।
बस दीदार तुम्हारा हो इन
आँखों की तमन्ना हे
इस दिल में रहो बस तुम
और हर बात में जिक्र तुम्हारा हो।
सुबह शाम जिक्र करता हे ये दिल तेरा
बहते हे आंसू और बनता हे नाम तेरा
ये आँखे मेरी किसी और को क्यों देखे
जब दिल पर लिखा हे नाम तेरा।
खुदा की रहमत का जब जिक्र हुआ
हमने खुद ही खुशनशीब पाया
एक प्यारे से दोस्त की तमन्ना थी
खुदा खुद दोस्त बन के चला आया।
मेरे दिल में आकर देखना कभी
शाम होने के बाद
ख्यालो की महफ़िल सजी होती हे
और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता हे।
ये सारा ज़माना भले ही
मोहब्बत का जिक्र करता हे
पर प्यार की शुरुआत आज भी
माँ से ही होती हे।
न वफ़ा की बाते होंगी न
वफ़ा का जिक्र होंगा
अब मोहब्बत जिससे भी होंगी
एग्जाम के बाद होंगी।
अकेले हे हम महफ़िलो में भी
तन्हाई का और क्या जिक्र करे
परछाई के शिवा कुछ नहीं हे मेरे पास
फिर खोने की क्या फ़िक्र करे।
Zikr Shayari 2022 In Hindi
तुजे आवाज दिया करता हु
में रात की तन्हाई में
चाँद सितारों से तेरा जिक्र
किया करता हु
तुम आओ या न आओ
ख्वाबो में तेरा इंतजार
किया करता हु।
खूब लिखी थी खुदा ने
मेरे किस्मत की किताब को
बस यही पन्ना गुम हो गया
जिसमे तेरा जिक्र होना था।
वक्त और हालात बदल देते हे रिश्तो को
अब तेरा जिक्र होने पर हम बात
बदल देते हे।
उनकी कयामत बाहो का
कुछ तो जिक्र करो
वो जो सिमटते होंगे उनमे
वो तो मर जाते होंगे।
किसी से मेरा जिक्र न
करना प्यार में तुम
छोड़ चला हु तुम्हे अकेले ही
रह लूंगा अब बेफिक्र। ..
कुछ इस तरह तेरा जिक्र मेरी
जुबा पर छा गया
सुबह की अजान में भी तेरा ही
नाम आ गया।
नूर देता हे अंधेरो को
उसका जिक्र सुरूर देता हे
जो भी मांगता हे उसके दम पर
खुदा उसे जरूर देता हे।
मेरा टाइमपास नहीं होता था
उसके जिक्र के बिना
और वो जालिम कहती हे की वो
प्यार नहीं टाइमपास था।
Best Jikr Shayari In Hindi
जान निकल जाती हे उस वक्त
जब प्यार अपना हो और
जिक्र किसी और की कर रहा हो।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद )