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महत्व
गुरु पूर्णिमा एक ऐसा पर्व हे जो गुरुओ के सम्मान के लिए मनाया जाता हे। यह दिवस आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हे इस पर्व का हिन्दू धर्म में खुब महत्व माना जाता हे धर्म ग्रंथ के अनुसार इस दिन को भगवान् विष्णु के अवतार वेद व्यास जी का जन्म हुआ था इन्हिने महाभारत , जैसे कई ग्रंथो की रचना की और इन्हे कौरव और पांडव गुरु मानते थे इस लिए आषाढ़ मास को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहा जाता हे।
Guru Purnima Shayari In Hindi
गुरु को पारस जानिए करे
लोह को स्वर्ण
गुरु और शिष्य जगत में दो
ही हे वर्ण।
अक्षर ज्ञान ही नहीं गुरु ने सिखाया जीवन ज्ञान
गुरु को करे आत्मसात हो जाओ
भगसागर से पार।
जिंदगी में गुरु बिना ज्ञान नहीं
ज्ञान बिना आत्मा नहीं
ध्यान, ज्ञान और धैर्य ये सब
गुरु की ही देन हे।
श्रेष्ठ गुरु संसार में विश्वामित्र वशिष्ठ
गुरु कृपा से रामजी बने
जगत के ईस्ट।
गुरु आपके उपाय का कैसे चुकाऊ में मोल
लाख कीमती धन भला गुरु हे
मेरा अनमोल।
जिंदगी जल जाता हे उस दिन की तरह
कई जीवन रोशन कर जाता हे
कई गुरु इस तरह अपने
फर्ज निभाते हे।
जिंदगी में गुरु का ज्ञान वेदो की वाणी
सुंदर संस्कार और दिव्य वाणी
अज्ञान के पथ से निकला हम ये
जिंदगी गुरु के चरणों में।
Guru Purnima Shayari 2021
जिंदगी में लाख कीमती धन भला
गुरु हे मेरा अनमोल।
जिंदगी में गुरु होता हे सबसे महान
जो देता हे सभी को ज्ञान
आओ इस गुरु पूर्णिमा पर करे गुरु को याद।
जिंदगी में बनाये हमें इंसान और दे
सही गलत की पहचान
देश के ऐसे निर्माता तो शत शत नमन।
जिंदगी में आपसे ही सीखा और जाना और
आपको ही गुरु माना
सीखा सभी आपसे और कलम का मतलब जाना
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाये।
गुरु के चरणों में रहकर हमने शिक्षा पाई हे
गलत राह पे भटके जो गुरु ने
राह दिखाई हे।
जिंदगी में माँ बाप मूरत हे गुरु और कलयुग
भगवान् की सूरत हे गुरु।
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जिंदगी में जब गलत राह पर भटके हे हम
तब गुरु ने रह दिखाई हे।
जिंदगी में समय और गुरु दोनों सिखाते हे
मगर दोनों में फर्क सिर्फ इतना हे
की गुरु लिखा के परीक्षा लेता हे और
समय परीक्षा लेकर सिखाता हे।
Guru Purnima Shayari Images
जिंदगी में शांति का पढ़ाया पाठ और
अज्ञात का मिटाया अन्धकार
गुरु ने सिखाया नफरत पर विजय हे प्यार।
गुरु गोविन्द दोनों खड़े
किसको लागु पाय
बलिहारी गुरु आपकी
गोविन्द दियो बताय।
जिंदगी में माटी से मूरत गढ़े
संदुरु फूंके प्राण
कर अपूण को पूर्ण गुरु भव् से देता त्राण।
पानी बिना नदी बेकार
अतिथि के बिना आँगन बेकार
प्रेम न हो तो सबंधी बेकार
और जीवन में गुरु न हो तो जीवन बेकार।
जिंदग में आपसे सीखा और जाना गुरु माना
कलम का मतलब भी आपसे जाना।
गुरुब्रम्हा गुरुविष्णुः गुरुदेवो महेश्वर
गुरुसक्षात परब्रम्हा तस्मे श्री गुरवेनमः
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद )