Sweet Lemon In Hindi – मौसंबी फल की खेती के बारे में जानकारी

हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज में आपको इस आर्टिकल में बात करने वाला हु मौसंबी फल के बारे में जानकारी, अमेजिंग फैक्ट्स, मौसंबी खाने के फायदे और नुकशान, मौसंबी की खेती और FAQ तो उम्मीद हे की आपको यह मेरा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे मौसंबी के बारे में।

Sweet Lemon In Hindi – मौसंबी

मौसंबी फल की जानकारी

मौसंबी फल के बारे में जानकारी

मौसंबी नींबू परिवार का एक बहोत ही पौष्टिक और रसदार फल है। जिसे मीठा नींबू भी कहा जाता हे। मौसंबी का फल नारंगी के बराबर आकार का होता हे। मौसंबी फल कच्ची अवस्थामे हरे रंग का तथा पकने पर हल्का हरा या सुनहरे रंग का हो जाता हे। फल के अंदर चिकने सफ़ेद रंग के, तथा नुकीले बीज होते हे। मौसंबी का वानस्पतिक नाम सिट्रस साईंनेन्सीस हे।

मौसंबी कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती हे इसमें कई तरह के विटामिन्स होते हे इसके अलावा इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, पोटैशियम, फॉस्फोरस आदि तत्व इसमें भरपूर मात्रा में पाए जाते हे। इसमें सबसे अधिक मात्रा में विटामिन सी और फाइबर पाया जाता है।

 

मौसंबी फल के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स

 

1. मौसंबी एक खट्टा मीठा फल हे जो पोषण और गुणों से भरपूर होता हे।

2. मौसंबी को मीठा नींबू भी कहा जाता हे।

3. गर्मी के दिनों में शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मौसंबी का ज्यूस बहोत फायदेमंद होता है।

4. प्रतिदिन मौसंबी का ज्यूस पिने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

5. आयुर्वेद में मौसंबी फल के छिलके और मौसंबी के ज्यूस का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है।

6. मौसंबी एक ऐसा फल हे जिसमे कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हे जो हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होते है।

7. मौसंबी का वानस्पतिक नाम सिट्रस साईंनेन्सीस हे।

8. मौसंबी नींबू परिवार का फल माना जाता है।

 

मौसंबी फल खाने के फायदे

 

1. कब्ज की समस्या से राहत

पेट से सबंधित रोगो से बचने के लिए हर दिन एक मौसंबी खाना चाहिए। इसमें फाइबर अधिक होता हे जो कब्ज में फायदेमंद हे कब्ज होने पर मौसंबी का ज्यूस नमक डालकर पिए। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पर्दार्थ निकल जाते हे।

2. वजन घटाने के लिए

अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हे तो अपनी डाइट में मौसंबी शामिल कर सकते हे। मौसंबी के ज्यूस में पानी और शहद मिलाकर सुबह सेवन कर सकते हे। ये वजन कम करने के लिए काफी मदद कर सकता हे।

3. हड्डियों के लिए

घुटनो के दर्द, ऑस्ट्रियोपोरोसिस और जोड़ो से सबंधित सभी समश्याओ में यह फायदेमंद हे, क्योकि इसमें मौजूद विटामिन सी तंतुओ के स्यरण को रोकता हे। जिससे इस तरह की समस्याये नहीं आती।

4. पाचन के लिए

मौसंबी में फ्लेवोनोइड्स होते हे जो पाचन में सुधार करने में मदद करते हे। मौसंबी का ज्यूस पिने से पाचन सबंधी किसी भी समस्या जैसे अपच और गेस्ट्रिक समश्याओ को दूर रखने में मदद मिलती हे। पाचन सबंधित समश्याओ का इलाज करने के लिए अपने ज्यूस में एक चुटकी नमक मिला सकते हे।

5. इम्युनिटी करे बूस्ट

मौसंबी में एंटी कार्सिनोजेनिक होता हे जो इम्यून सिस्टम को बहेतर करता हे। साथ ही दिल में ब्लड सर्कुलेशन को बहेतर बनाता हे। जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता हे।

 

मौसंबी फल खाने के नुकशान

 

1. किडनी को नुकशान

मौसंबी में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता हे। ऐसे में इसके ज्यूस का सेवन किडनी से सबंधित किसी समस्या से ग्रस्त व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता हे। क्योकि इस पोटैशियम तत्व को किडनी पेशंट कंट्रोल नहीं कर पाता हे।

2. गर्भवती महिलाओ के लिए

जब महिला गर्भवती होती हे तो उनकी प्रतिरोधक श्रमता कमजोर हो जाती हे और इसकी वजह से पेट सबंधी समश्याए बढ़ने लगती हे अगर आप अधिक मात्रा में मीठी मौसंबी का ज्यूस लेते हे तो यह गर्भवती महिलाओ के लिए हानिकारक हो सकता हे। इससे पेट दर्द, पेट में मरोड़ और डायरिया की भी समस्या हो सकती हे।

3. एलर्जी

अगर किसी को सिट्रस एसिड से एलर्जी हे, तो मौसंबी का सेवन नुकशानदायक हो सकता हे। ऐसे में मौसंबी के सेवन से एलर्जी हो सकती हे।

4. एसिडिटी

मौसंबी में साइट्रिक एसिड पाया जाता हे और विटामिन सी युक्त मौसंबी के ज्यूस का अधिक सेवन एसिडिटी की समस्या पैदा कर सकता हे।

5. पेट दर्द और उल्टी की समस्या

मीठी मौसंबी सर दर्द और चक्क्रर में मदद करती हे मगर उसका अधिक सेवन करने से आपको उल्टी और पेट दर्द की समस्या हो सकती हे यह इसलिए होता हे क्युकी इसमें विटामिन सी होता हे और अधिक विटामिन सी उल्टी का कारण बनता है।

 

मौसंबी फल की खेती के बारे में जानकारी

मौसंबी फल की खेती के बारे में जानकारी

 

1. उपयुक्त जलवायु

मौसंबी की खेती के लिए संप्रमाण सर्दी और गर्मी अनुकूल हे। जहाँपर जलवायु सूखा हो या बारिश ज्यादा नहीं होती हो ऐसे क्षेत्रों में मौसंबी की फसल अच्छी तरह से होती हे। ज्यादा नमी वाले जलवायु में या जहा ज्यादा बारिश होती हो ऐसे क्षेत्रों में इसकी खेती अच्छी नहीं होती।

2. उपयुक्त मिट्टी

मौसंबी की खेती के लिए दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती हे तथा उचित जल निकास वाली उपजाऊ भूमि को भी इसकी खेती के लिए आदर्श माना गया हे। इसकी खेती में भूमि को 1.5 से 2 मीटर गहराई वाली होनी चाहिए। इसके अलावा P.H मान 5.5 से 7.5 हो।

3. उन्नत किस्मे

बाजार में मौसंबी की कई उन्नत किस्मे मौजूद हे जैसे की केलेंशिया, वाशिंगटन नेव्हेल, काटोलगोल्ड, सतगुड़ी और न्यूसेलर आदि किस्मे हे जो बहोत उन्नत किस्मे मानी जाती हे। जिसमे से आपको अपनी बागबानी के लिए तय करना होता हे।

4. खेत की तैयारी

मौसंबी की खेती के लिए सबसे पहले खेती की अच्छी तरह से जुताई कर दे और बाद में खेत को समतल कर दे बाद में उस खेत में 6×6 मीटर की दुरी रखते हुए 1.5 फिट की गहराई वाले गड्डे तैयार कर दे। बाद में उस खेत को 10 से 15 दिन के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दे ताकि उसमे हानिकारक कीड़े मर जाये। बाद में उस गड्डो में 25 किलो गोबर की खाद 1 किलो सुपर फास्फेट और 100 ग्राम दीमक के मिश्रण से गड्डे भर देने चाहिए।

5. पौधे की रोपाई

मौसंबी का पौधा आप साल भर में किसी भी समय रोप सकते हे। तो आगे हमने जो खेत में गड्डे खाद से भरे थे उसमे फिरसे गड्डे किये जाते हे और नर्सरी से लाया गया पौधा उसमे रोपाई कर ली जाती हे। और बाद में पौधे को चारोओर से मिट्टी से दबा दिया जाता हे।

6. सिंचाई

पौधे रोपाई के तुरंत ही बाद सिंचाई कर देनी चाहिए और पौधो को स्थिर होने में 2 महीने का समय लगता हे। गीष्म ऋतु के मौसम में पौधो को 5 से 10 दिन के अंतर्गत पानी देना होता हे। तथा सर्दियों के मौसम में 10 से 15 दिन के अंतर्गत पानी देना चाहिए और बारिश के मौसम में जब पौधे को जरूरत हो तब पानी देना चाहिए। मौसंबी की खेती में ड्रिप सिंचाई उपयुक्त मानी जाती है।

7. रोग

मौसंबी का पौधा एक ऐसा हे जिसमे कम रोग दिखने मिलते हे मगर पौधे में रोग न आये इसलिए पौधे की रोजाना देखभाल करते रहना चाहिए। और जैसे ही पौधे में कोई रोग दिखे तुरंत ही इसका इलाज करिये।

8. फलो की तुड़ाई

मौसम्बी के पेड़ रोपाई के 3 वर्ष बाद पैदावार देना आरम्भ कर देते हे। मौसम्बी के 4 वर्ष के एक पौधे से 20 से 50 KG फल मिल जाते हे। मौसंबी के पौधे पर फल पूर्ण आकार के दिखने लगे तब उस फल की तुड़ाई कर ली जाती है। और फलो को अच्छी तरह से पैक करके बाजार भेज दिया जाता है।

 

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