हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले हे एवोकाडो फल की जानकारी, अमेजिंग फैक्ट्स, एवोकाडो खाने के फायदे और नुकशान, एवोकाडो की खेती और Faq तो उम्मीद हे की आपको यह हमारा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे एवोकाडो के बारे में।
एवोकाडो फल के बारे में जानकारी
एवोकाडो एक फल हे। जो एलिगेटर नाशपती के रूप में भी जाना जाता हे। इस फल की ऊपरी परत काफी मोटी होती हे जो हल्के हरे रंग की होती हे। इस फल में एक बड़ा बीज भी होता हे। एवोकाडो फल एवोकाडो नामक पेड़ से आता हे। इस फल को हिंदी में मक्खन फल भी कहा जाता हे। जो करीबन 65 फिट तक लम्बा होता हे। पहले एवोकाडो सिर्फ पूएब्ला और मैक्सिको में ही उगता था और वही मिलता था मगर इसके विभिन्न स्वास्थ लाभों के कारण यह फल अब कई देशो में उगाया जाने लगा हे। एवोकाडो फल को कच्चा ही खाते हे और यह स्वाद में खट्टा मीठा होता हे। इस फल को ज्यादातर लोग मिल्कशेक या आइसक्रीम बनाने में प्रयोग किया जाता हे।
एवोकाडो फल में कई तरह में पोषक तत्व भी पाए जाते हे। जैसे की विटामिन A, C, D, E, K , पोटैशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, कॉपर, मैग्नेशियम, फाइबर, प्रोटीन आदि। जो हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होते हे।
एवोकाडो के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स
1. एवोकाडो पुरे विश्व में उष्णकटिबंधीय और भूमध्य जलवायु में इसकी खेती की जा सकती हे।
2. विश्व में एवोकाडो की 500 से अधिक किस्मे देखने को मिल जाती हे।
3. एवोकाडो फल एलिगेटर नाशपती के रूप में भी जाना जाता हे।
4. एवोकाडो फल को हिंदी में मक्खन फल भी कहा जाता हे।
5. सबसे पहले एवोकाडो को पूएब्ला और मेक्सिको में उगाया गया था।
6. यह फल स्वाद में खट्टा मीठा होता हे।
7. एवोकाडो फल में कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हे।
8. इस फल को ज्यादातर लोग मिल्कशेक और आइस्क्रीम बनाने के लिए प्रयोग करते हे।
9. एवोकाडो को मगरमच्छ नाशपती भी कहा जाता हे।
एवोकाडो खाने के फायदे
1. आँखों के लिए फायदेमंद
एवोकाडो आँखों के लिए बहोत ही अच्छा होता हे। इसमें विटामिन ए पाया जाता हे। जो आँखों की रौशनी को तेज करता हे। इसका प्रयोग फ्री रेडिकल्स से भी छुटकारा दिलाते हे। यह आँखों से स्ट्रेस को भी कम कर देता हे। और दर्द से भी आराम दिलाता हे।
2. हड्डियों के लिए फायदेमंद
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आप अपनी डाइट में एवोकाडो को शामिल कर सकते हे। एवोकाडो में कैल्शियम, प्रोटीन और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हे जो हड्डियों को कमजोर होने से बचा सकता हे।
3. वजन कम करने के लिए
अगर आप अपने वजन को कम करना चाहते हे तो एवोकाडो को अपनी डाइट में जरूर शामिल करे। एवोकाडो फाइबर से भरपूर जो आपके डाइजेशन की प्रक्रिया को धीमा कर पेट को भरे रखता हे। जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती। और आपके शरीर में एनर्जी लेवल भी बना रहता हे। एवोकाडो न्यूट्रिशन का भंडार हे इसमें शरीर के लिए जरुरी बी विटामिन भी मिलते हे। साथ ही यह बेली फैट भी घटाने में मदद करता हे।
4. मौखिक स्वास्थ्य
एवोकाडो खाने से आप ख़राब साँस को रोक सकते हे। जो की मुख्य रूप से अपच और परीशान पेट के कारण होता हे। पाचन तत्र के सुधार के द्वारा मुँह से दुर्गन्ध का सफाया किया जा सकता हे। और एवोकाडो में पाए जाने वाले जीवाणुरोधी और एंटीओक्सिडेंट फलोनोइज आपके मुँह में बेक्टेरिया को भी मार देते हे। जिससे ख़राब साँस बंद हो सकती हे। इसके अलावा एवोकाडो मौखिक कैंसर से भी बचाव कर सकता हे।
5. हदय स्वस्थ
एवोकाडो एक मोनोसेन्चुरेडेट फल हे। इसके अच्छे फैक्ट्स शरीर में बेड कोलेस्ट्रोन को कम करते हे। इससे ब्लड प्रेशर नियत्रित रहता हे। ऐवकाडो के बी विटामिन हार्ट स्टॉक, हार्ट फेलेरियर और अन्य हदय रोग से बचाते हे। मैग्नेशियम भी हदय को स्वस्थ और मेंटेन रखने में मदद करता हे। एवाकाडो खाने से शरीर में ब्लड फ्लो बहेतर होता हे।
एवोकाडो खाने के नुकशान
1. वजन बढ़ना
एवोकाडो में कम कैलोरी के कारण यह वजन कम करने के लिए सहायक होता हे। लेकिन इसमें फैट की अच्छी मात्रा भी होती हे। इसलिए इसका अधिक सेवन वजन बढ़ाने का काम भी कर सकता हे। इसलिए मोटापे से ग्रसित लोगो को इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए।
2. पेट हो सकता हे ख़राब
ज्यादा मात्रा में एवोकाडो का सेवन करने से पेट ख़राब हो सकता हे, पेट में जलन होती हे जिसकी वजह से गैस्ट्रोइंटेस्टनल इरिटेशन होती हे। इसलिए एवोकाडो का अधिक सेवन से बचना चाहिए।
3. त्वचा की एलर्जी
एवोकाडो के सेवन से कुछ लोगो को कई सारी एलर्जी हो सकती हे। जैसे की एक्जिमा, खुजली, लालिमा आदि हो सकता हे। इसलिए जिन लोगो को एलर्जी की समस्या हे उन्हें एवोकाडो खाने से बचना चाहिए।
एवोकाडो की खेती की जानकारी
1. जलवायु
एवोकाडो दक्षिण अमेरिकी उपमहाद्वीपीय का पौधा हे। जिस वजह से इसके पौधे को उष्ण कटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती हे। 20 से 30 तापमान वाले क्षेत्र जहा पर 60 फीसदी तक नमी पायी जाती हे। वहा इसकी पैदावार अच्छी प्राप्त होती हे। इसके पौधे ठंडी में 5 डिग्री तक के तापमान को आसानी से सहन कर लेते हे। किन्तु 5 डिग्री से कम तापमान होने पर पौधा ख़राब होने लगते हे। इसको भारत में तमिलनाडु और केरल में मुख्य रूप से उगाया जाता हे।
2. मिट्टी
लेटेराइट मिट्टी में अधिक मात्रा में चिकनाई पायी जाती हे जिस वजह से लेटेराइट भूमि एवोकाडो की खेती के लिए उपयुक्त होती हे। भारत में इसकी खेती पच्छिम बंगाल, केरल, उड़ीसा, तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में इसकी खेती आसानी से कर सकते हे। इसके पौधो को 50 से 60 प्रतिशद नमी की जरूरत होती हे।
3. एवोकाडो की उन्नत किस्मे
विश्व में एवोकाडो की कई तरह की किस्मे दिखने को मिल जाती हे जैसे की फ्रुएंट, पिकटर्न, हेंस, पर्पल, पोलक, ग्रीन, राउंड, ट्रैप, लॉन्ग, फुएरते आदि। जिसमे से आपको अपनी बाग़बानी के लिए तय करना होता हे और जो तय करे उसका पौधा नर्सरी में तैयार करवलिया जाता हे।
4. खेती की तैयारी
सबसे पहले खेत की गहरी जुताई कर खपतवार को निकाल दिया जाता हे। इसके बाद खेत में पानी लगाकर पलव कर देते हे। बाद में उसमे रोटावेटर लगाकर मिट्टी भुरभुरी हो जाती हे। बाद में भुरभुरी मिटटी को पाटा लगाकर समतल कर लिया जाता हे। फिर समतल खेत में गड्डो को तैयार कर लिया जाता हे। इसके बाद गड्डो में मिट्टी के साथ अनुपात खाद्य को मिट्टी में मिलाकर गड्डो में भर दिया जाता हे।
5. पौधो की रोपाई
नर्सरी से एवोकाडो के पौधे स्वस्थ देखकर लाना चाहिए बादमे उन गड्डो में छोटे छोटे गड्डे करके उसमे पौधो को रोप दिया जाता हे मगर पौधे रोपने के पहले किये गए गड्डो को गौमूत्र से उपचारित कर लिया जाता हे। पौधा रोपने के बाद अच्छी तरह से मिट्टी से दबा दिया जाता हे।
6. पौधे को सिंचाई
एवोकाडो के पौधो को नमि की जरूरत होती हे। इसलिए खेत की पहली सिंचाई पौधे रोपाई के तुरंत बाद की जाती हे। इसके बाद शुष्क और गर्म जलवायु में पौधे को 3 से 4 सप्ताह में पानी देना होता हे। और सर्दियों के मौसम में 2 से 3 बार पानी देना होता हे और बारिश के मौसम में पौधे को जरूरत पड़ने पर पानी देना होता हे। एवोकाडो के पौधे को ड्रिप विधि सबसे अच्छी विधि मानी जाती हे।
7. पौधे पर रोगथाम
एवोकाडो के पौधे पर कई तरह के रोग दिखने को मिल जाते हे जैसे की स्केल्स, मेलबग्स, माइट्स और सामान्य किट, पत्ती का धब्बा, जड़ सड़न आदि रोग दिखने को मिल जाते हे। जिसका बचाव करने के लिए कृषि विभाग से सपर्क करे और रोग सबंधित दवाइयों का इस्तेमाल करे।
8. फलो की तुड़ाई
एवोकाडो फल पौधा रोपाई के 5 से 6 वर्ष पाच्यात तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हे। एवोकाडो के फल बैगनी रंग के होते हे। पूर्ण रूप से तैयार एवोकाडो के फल का बीज पिले सफ़ेद से गहरे भूरे रंग का हो जाता हे। बाद में उन्हें बॉक्स में पैक करके बाजार भेज दिया जाता हे।
अक्शर पूछे जाने वाले सवाल
1. एक दिन में कितने एवोकाडो खाया जा सकता हे ?
⇨ एक दिन में आधा एवोकाडो खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता हे।
2. एवोकाडो को हिंदी में क्या कहा जाता हे ?
⇨ एवोकाडो में हिंदी में मक्खन फल कहा जाता हे।
3. सबसे पहले एवोकाडो को कहा उगाया गया था ?
⇨ सबसे पहले एवोकाडो को पूएब्ला और मेक्सिको में उगाया गया था।
4. एवोकाडो की विश्व में कितनी किस्मे हे ?
⇨ विश्व में एवोकाडो की करीबन 500 किस्म दिखने को मिल जाती हे।
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” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “