हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले हे दारुहल्दी के बारे में जानकारी, अमेजिंग फैक्ट्स, दारुहल्दी खाने के फायदे और नुकशान, दारुहल्दी के औषधीय गुण और Faq तो उम्मीद हे की आपको यह हमारा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे दारुहल्दी के बारे में….
दारुहल्दी के बारे में जानकारी
दारुहल्दी एक फल के रूप में भी मानी जाती हे। और इसकी ज्यादातर खाद्य फलो के लिए खेती की जाती हे। दारुहल्दी का वृक्ष कांटेदार और झाड़ीनुमा होता हे। इस पेड़ की ऊंचाई करीबन 15 फिट तक होती हे। आयुर्वेदमे ऐसे कई पौधे हे जो जड़ी बूटियों के प्रयोग में लाये जाते हे। दारुहल्दी भी उनमे से एक हे। दारुहल्दी को दारुहरिद्रा भी कहा जाता हे। और अंग्रेजी में इस फल को इंडियन बर्बरी कहा जाता हे। दारुहल्दी नेपाल, श्री लंका जैसे हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता हे। इसका प्रयोग मधुमेह रोग के निदान में विशेषकर किया जाता हे। विश्व में दारुहल्दी की तीन प्रजातियां पायी जाती हे। जैसे की दारुहरिद्रा, मांगल्य की जडम, वन मागल्य।
दारुहल्दी का पोधो छोटा होता हे। इसके तने की छाल खुरदरी होती हे। और इसके पत्ते लम्बे, चौड़े और चर्मिल होते हे। इस पौधे के फूल बहोत छोटे होते हे। इसके फल जून महीने में लगते हे। और यह फल 7 से 10 मिमी लम्बे, अंडाकार लाल या श्यामले नीले रंग के होते हे। दारुहल्दी का वानस्पतिक नाम बरबेरिस एरिस्ट्रेटा हे। दारुहल्दी हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होता हे।
दारुहल्दी के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स
1. दारुहल्दी एक फल और औषधीय पौधा है।
2. वीश्व में दारुहल्दी की करीबन तीन प्रजातियां पायी जाती हे।
3. दारुहल्दी का वानस्पतिक नाम बरबेरिस एरिस्ट्रेटा हे।
4. दारुहल्दी हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होता हे।
5. दारुहल्दी नेपाल, श्री लंका जैसे हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता हे।
6. दारुहल्दी को आयुर्वेदकी जड़ी बुट्टी भी कहा जाता हे।
7. दारुहल्दी फल को अंग्रेजी में इंडियन बर्बरी कहा जाता हे।
दारुहल्दी खाने के फायदे
1. त्वचा के रोगो के लिए फायदेमंद
त्वचा पर घाव, फक्ने आदि समस्या से छुटकारा पाने के लिए दारुहल्दी का प्रयोग किया जाता हे। कई आयुर्वेदिक दवाओं में दारुहल्दी का उपयोग किया जाता हे। उनकी एक निश्रित मात्रा उन दवाओं में दी जाती हे। अगर आपको किसी भी तरह का स्किन रोग हे। तो नारियल के तेल में दारुहल्दी का चूर्ण मिलाकर परिशानी वाली जगह पर लगाए।
2. डायबिटीज के मरीजों के लिए
इस फल में एचबीए 1 सी कम करने की स्यमता होती हे जो की रक्त ग्लूकोज के स्तर को नियत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण होता हे। इसके अतरिक्त यह फल रक्त ग्लूकोज को नियत्रित करने में मदद करता हे। जो कार्बोहाइड्रेड के चयापचन एंजाइमों के सक्रियण के कारण हो सकता हे। इसलिए यदि आप शुगर से पीड़ित हे तो आपको दारुहल्दी का सेवन करना चाहिए।
3. आँखों के लिए फायदेमंद
दारुहल्दी को आँखों से सबंधित समश्याओ को दूर करने के लिए भी माना जाता हे। एक रिसर्च के अनुसार दारुहल्दी से बनने वाले रसौत से आँखों के इम्फेमेशन यानी ऑप्थमलिया से बचाव हो सकता हे। साथ ही आँख आने यानी कंजक्टिवाईटिस से भी कुछ राहत मिल सकती हे।
4. बुखार ठीक कर सकता हे
कई लोगो को बदलते मौसम में बुखार आ जाता हे। ऐसे में दवाइया लेने के बजाय आप आयुर्वेदिक उपाय कर सकते हे। दारुहल्दी की छाल का काढ़ा बनाकर पिने से बुखार की समस्या कम हो जाती हे। शरीर का तापमान बढ़ने की वजह से बुखार हो जाता हे। दारुहल्दी इस परिशानी को दूर कर सकता हे।
दारुहल्दी खाने के नुकशान
1. दारुहल्दी में एंटी फंटिलिटी का प्रभाव होता हे। ऐसे में यह प्रजनन श्रमता को प्रभावित कर सकता हे। इसी वजह से गर्भधारण करना चाह रही महिलाओको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
2. दारुहल्दी में एंटी हाइपरग्लाइसेमिक गुण होता हे। यह गुण ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकता हे। ऐसे में जिन लोगो को ब्लड शुगर की समस्या हे। वो उसका सेवन न करे।
दारुहल्दी के पौधे का औषधीय गुण इस वीडियो में
अक्शर पूछे जाने वाले सवाल
1. विश्व में दारुहल्दी की कितनी प्रजातियां देखने को मिल जाती हे ?
⇨ विश्व में दारुहल्दी की करीबन तीन प्रजातियां देखने को मिल जाती हे।
2. दारुहल्दी कहा पायी जाती हे ?
⇨ दारुहल्दी नेपाल, श्री लंका जैसे हिमालयी क्षेत्रों में पायी जाती हे।
3. दारुहल्दी के फल को अंग्रेजीमे क्या कहते है ?
⇨ दारुहल्दी के फल को अंग्रेजीमे इंडियन बर्बरी कहा जाता हे।
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