हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज हम इस आर्टिकल में बात करने वाले हे खुबानी के बारे में जानकारी, अमेजिंग फैक्ट्स, खुबानी खाने के फायदे और नुकशान, खुबानी की खेती की जानकारी और faq तो उम्मीद हे की आपको यह हमारा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे खुबानी के बारे में।
खुबानी के बारे में जानकारी
खुबानी एक फल हे जो मीठा और खट्टा होता हे। और खाने में बहोत स्वादिस्ट लगता हे। खुबानी फल गोल आकार में और नारंगी रंग होता हे लेकिन कभी कभी पिले रंग का भी होता हे। खुबानी का छिलका मुलायम होता हे जिसे वो आसानी से छिला जा सकती हे। खुबानी को कच्चा भी खाया जाता हे और सूखे मेवे के रूप में भी खाया जा सकता हे। यह फल भारत में करीबन 5000 हजार सालो से उगाया जा रहा हे। आड़ू का पेड़, आलू बुखारा और खुबानी का फल यह तीनो एक ही वंश के माने जाते हे। भारत में खुबानी की भरपूर पैदावार होती हे। इस फल की सर्वप्रथम खेती आर्मेनिया में मानी जाती हे।
खुबानी फल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हे। जैसे की विटामिन ए, बी, सी, इ, के आदि। इसके अलावा पोटैशियम, मैग्नेशियम, कैल्शियम, कॉपर, फॉस्फोरस, खनिज, आयरन, एंटीओक्सिडेंट, फाइबर आदि अधिक मात्रा में पाए जाते हे। जो हमारे शरीर के लिए बहोत ही फायदेमंद होते हे।
खुबानी के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स
1. खुबानी फल स्वाद में मीठा और खट्टा होता हे।
2. खुबानी फल भारत में करीबन 5000 सालो से उगाया जा रहा हे।
3. इस फल की सर्वप्रथम खेती आर्मेनिया में की गई थी।
4. खुबानी फल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हे।
5. खुबानी में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता हे जो आँखों के लिए बहोत फायदेमंद होता हे।
6. खुबानी फल मीठा और गर्म तासीर वाला होता हे।
7. खुबानी का सेवन करने से प्रतिरोधक श्रमता बढ़ती हे।
खुबानी खाने के फायदे
1. सूजन के लिए
खुबानी का सेवन सूजन कम करने के लिए किया जा सकता हे। खुबानी में एंटी-इन्फेमेटरी गुण होता हे। यह गुण सूजन को कम करने के लिए जाना जाता हे। खुबानी के अलावा उसके बीज के अंदर का खाद्य हिस्सा पेट की सूजन को कम कर सकता हे।
2. आँखों के लिए
सूखे खुबानी में एंटीऑक्सीडेंट, बीटा कैरोटीन का उच्च स्तर पाया जाता हे। जो हमारी आँखों में ऑप्टिक नसों को मजबूत करने और आपके नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता हे। यह विटामिन ए, सी और ई के साथ साथ कैरोटिनॉइड में भी समुद्र हे जो नेवस्कुलर एज से सबंधित मैक्युलर डिग्नेशन और मोतियाबंधी के जोखिम को कम करते हे।
3. कान दर्द से राहत
कई लोगो को कभी कभी कान दर्द होने लगता हे। खुबानी कान दर्द से राहत दिलाने में काफी लाभकारी होता हे। खुबानी के बीज का तेल 1-2 बून्द कान में डालने से कान दर्द से राहत मिलती हे।
4. बालो के लिए
हमारे शरीर के बाल आयरन की कमी के कारण झड़ने लगते हे। जिसकी वजह से हम धीरे धीरे गंजे होने लगते हे। खुबानी के अंदर समृद्ध मात्रा में आयरन पाया जाता हे जो हमारे बाल झड़ने से रोक सकता हे। अगर आप रोजाना खुबानी का सेवन करते हे तो आपके बाल काफी मात्रा में गिरना कम हो जाते हे।
5. स्वास्थ्य में सुधार
खुबानी में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता हे। जो हमारे शरीर में ख़राब कोलेस्ट्रोन को कम करने में मदद करता हे। जिससे आपका स्वास्थ बहेतर होता हे। इसके अलावा इसमें मौजूद पोटैशियम हमारे सिस्टम में इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को संतुलित करती हे। जिससे हमारी हदय की मांसपेशिया सही तरिके से काम करती हे।
खुबानी खाने के नुकशान
खुबानी वैसे तो सभी लोगो के लिए फायदेमंद ही होती हे मगर ज्यादा सेवन करने से नुकशान भी होता हे इसलिए खुबानी का सेवन कम मात्रा में करना ही फायदेमंद हे।
1. खुबानी के अधिक सेवन से टॉक्सिक इफेक्ट भी हो सकता हे। बताया जाता हे की खुबानी के सेवन से बच्चो को विषाक्तता हो सकती हे।
2. अगर आप साँस की बीमारी से गुजर रहे हे तो इससे दूर रहे क्युकी सल्फाइड से आपको नुकशान हो सकता हे। ऐसा होने से आपको साँस लेने में बीमारी या फिर एलर्जी हो सकती हे।
खुबानी की खेती की जानकारी
1. खेती करने का समय
खुबानी का पौधा रोपाई मार्च, जुलाई और अगस्त के महीने तक कर सकते हे। जहा सिंचाई की उचित व्यवस्था हो वहा पोधो को मार्च के महीने में लगाए। असिंचित जगहों पर पौधो को जून के महीने में लगा सकते हे। इस दौरान बारिश का मौसम होता हे जिससे पौधो को विकास करने के लिए उचित माहौल मिल जाता हे।
2. जलवायु
खुबानी की खेती के लिए समशीतोष्ण और शीतोष्ण जलवायु वाली जगह अच्छी होती हे। इसके पौधे अधिक गर्मी के मौसम में विकास नहीं कर पाते हे। जब की सर्दी के मौसम में आसानी से विकास कर लेते हे। इसके पौधो को अधिक बारिश की जरूरत नहीं होती। फूल खिलते वक्त बारिश या अधिक ठण्ड का होना इसके लिए उपयुक्त नहीं होता।
3. खुबानी की खेती के लिए मिट्टी
खुबानी के पौधे को उचित जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती हे। मगर बलुई दोमट मिट्टी खुबानी की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती हे। जलभराव और कठोर भूमि में इसकी खेती बिलकुल न करे।
4. खुबानी की उन्नत किस्मे
खुबानी की कई तरह की किस्मे दिखने को मिल जाती हे। जैसे की कैशा, गौरव लाल गाल खुबानी, काला मखमल, मेलिटोपोल ब्लेक, अनानास खुबानी, चारमग्ज, ब्लेक प्रिंस, सफेदा आदि। इसमें से आपको अपनी बागबानी के लिए पसंद करना होता हे। और बाद में जो पसंद की उसे नर्सरी में तैयार करवालिया जाता हे।
5. खेत की तैयारी
खुबानी की खेती के लिए सबसे पहले खेत को साफ कर मिट्टी पलटने वाले हलो से खेत की गहरी जुताई की जाती हे। जिसके बाद रोटावेटर से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा कर देते हे। भुरभुरी मिट्टी को समतल करने के लिए खेत में पाटा लगा दे। इससे बारिश के मौसम में खेत में जलभराव नहीं होता। बाद में समतल भूमि में 5 से 6 मीटर की दुरी रखते हुए गड्डे तैयार किये जाते हे।
उसके बाद उस गड्डो में रासायनिक और जैविक उवर्रक की उचित मात्रा को मिट्टी में मिलाकर गड्डो में भरना होता हे। गड्डे भरने के पच्यात उनकी गहरी सिंचाई की जाती हे। ताकि गड्डे मे मिट्टी ठीक से बैठकर कठोर हो जाये। इन गड्डो को पौधा रोपाई के तीन माह पहले कर दे।
6. पौधो की रोपाई
खुबानी के पौधो को खेत में तैयार गड्डो में लगाया जाता हे। इनके लिए गड्डो के मध्य में एक छोटा सा गड्डा तैयार कर लेते हे। गड्डे तैयार करके उसमे गौमूत्र से उपचारित करते हे। बाद में उस गड्डो में पौधो को लगा लिया जाता हे।
7. पौधो की सिंचाई
खुबानी को गर्मियों में अधिक पानी की आवश्यकता होती हे। जिन क्षेत्रों में गर्मियों में वर्षा 150 सेंटीमीटर से अधिक होती हे वहा सिंचाई की आवश्यकता कम होती हे। गर्मियों के मौसम में पौधो को तिन से चार बार पानी देना होता हे 7 से 9 दिन के अंतर्गत। और सर्दियों के मौसम में 20 से 25 दिन के अंतर्गत पौधो को पानी देना होता हे। और बारिश के मौसम में जरूरत पड़ने पर सिंचाई की जाती हे। खुबानी के पौधो को सिंचाई के लिए ड्रिप विधि सबसे अच्छी मानी जाती हे।
8. रोग
खुबानी के पौधो पर कई तरह के रोग दिखने को मिल जाते हे। जैसे की मोनिलियल बर्न, ग्रे संड़ाध, इंडियन जिप्सी मोथ, पर्ण चित्ती, पत्ती मरोड़ आदि। यह रोग पौधे पर न आये इसलिए पौधे की रोजाना देखभाल करते रहना चाहिए। ताकि पौधे पर कोई रोग दिखे तुरंत ही इसका इलाज हो जाये।
9. फलो की तुड़ाई
खुबानी के पौधे रोपाई के तकरीबन 3 से 4 वर्ष बाद पैदावार देना आरम्भ करते हे। इसके पौधो पर फल पूर्ण रूप से पकने से पहले तोड़ ले। ताकि फल अधिक दुरी तक भेजा जा सके। खुबानी के फलो का रंग किस्मो के आधार पर भिन्न भिन्न होता हे। जब इसका फल नरम हो जाये तब फलो की तुड़ाई कर ले। बाद में फलो को अच्छे बॉक्स में पैक करके बाजार भेज दिया जाता हे।
अक्शर पूछे जाने वाले सवाल
1. खुबानी का पेड़ कैसा होता है ?
खुबानी का पौधा सामान्य ऊंचाई का और फल पिले, सफ़ेद, काले, गुलाबी और भूरे होते हे।
2. खुबानी का अर्थ क्या है ?
खुबानी वनस्पति-विज्ञानं के नजरिये से आलू बुखारा और आड़ू के वनस्पति परिवार का फल हे।
3. एक दिन में कितनी खुबानी खानी चाहिए ?
एक दिन में 3 से 4 खुबानी खाना ही फायदेमंद होता हे।
4. क्या खुबानी का सेवन रात को किया जा सकता है ?
खुबानी का सेवन दिन में ज्यादा फायदेमंद होता हे लेकिन रात के समय भी इसका सेवन किया जा सकता हे।
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” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “