⇨ निष्कर्ष के तौर पर देखे तो प्यार एक दिल और दिमाग का अहसास हे। जो इंसान को ख़ुशी की और ले जाता हे। एक मनुष्य दूसरे मनुष्य के लिए दयावान बन जाता हे। स्नेह और भावनाओ के साथ सुख और दुःख में भी एक होने को मन करता हे। यह असली प्यार हे। प्यार या प्रेम एक अहसास हे। जो दिमाग से नहीं दिल से होता हे प्यार में अनेक भावनाओ जिनमे अलग अलग विचारो का समावेश होता हे। प्रेम स्नेह से लेकर ख़ुशी की और धीरे धीरे अग्रसर करता हे। यह एक मजबूत और निजी झुड़ाव की भावना जो सब भूलकर उसके साथ जाने को प्रेरित करती हे।
⇨ प्यार का दूसरा नाम त्याग और समर्पण हे। प्यार अलग अलग नामो से जाना जाता हे। इसके कई पर्याय होते हे प्यार को कई लोगो ने अनेक तरह से परिभाषित किया हे। प्यार शब्द ही ऐसा हे जिसका नाम सुनते ही हमें अच्छा महसूस होने लगता हे। प्यार शब्द में जो अहेसास हे वो हम कभी खोना नहीं चाहते।
⇨ हम आमतौर पर सुनते आये हे की जिंदगी में सच्चा प्यार केवल एक ही बार होता हे। लेकिन सायंस की माने तो हम जिंदगी में तीन से चार बार प्यार में तड़पते हे। प्रेम वह भाषा हे जिसके अनुसार किसी दष्टि से अच्छी लगने वाली चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने या सुरक्षित करने की इच्छा हे।
⇨ जब किसी से हमे प्यार होता हे तो रिश्ते की शुरुरात में हम अक्शर सिर्फ सकारात्मक चीजे ही देखते हे। और ये साथ आसमान को महसूस करता हे। ये अहसास इतना गहरा होता हे की यदि हमें उस व्यक्ति के बदले में उतना ही प्यार न मिले तो काफी दुःख पहोचता हे। वक्त के साथ प्यार की शुरुआत वाला अहसास बदलने लगता हे।
⇨ प्यार का मतलब ही झुड़ाव होता हे हमारा किसी के साथ हमेशा के लिए जुड़ जाना और जुड़ के एक हो जाना ही प्यार होता हे। जो प्यार हमे खुद की पहचान करवाता हे वो प्यार होता हे। ये प्यार जब हमे किसी से असल में हो जाता हे तो हमे इसका मतलब समझ में आने लगता हे।
क्या दोस्ती में प्यार होता है ?
” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “