मानवता क्या है ? | Manvata Kya He

Manvata Kya He
मानवता क्या है ?

⇨ मानवता मनुष्य होने की पहचान है। मानव में मानवता का स्पर्श रहना जरुरी हे। यह एक स्वाभाविक चीज हे जो हर एक इंसान में होनी चाहिए। मानवताको इंसानियत या मनुष्यता भी कहते हे। क्योकि यह किसी के भी व्यक्तित्व को बताती हे। पूरी दुनिया का एक ही मूलमंत्र होना चाहिए वो हे जीवमात्र पर दया करना। यह दया मनुष्य को दूसरे मनुष्य से या किसी भी जिव से होती हे। जीवमात्र पर दया करना ही मानवता है। दुनिया में मनुष्य सबसे उत्तम और सर्वश्रेठ प्रजाति हे। हमारा यह दायित्व हे की हम सभी के प्रति मानवता निभाए। निस्वार्थ भाव से सेवा करना मानवताकी उच्च कोटि हे। मानवता ही हमारी संस्कृति की पहचान हे। और हमारी संस्कृति यह सिख देती हे की मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म हे। 

⇨ मानवता ही मनुष्यता की सच्ची परिभाषा है। मानवताही एक ऐसा भाव हे जिसके कारण मनुष्य दूसरे के हित में कार्य करता हे। मानवता का आधार हे एक साफ मन, साफ ह्दय, लोगो के लिए करुणा-दया वही एक सही मानव हे। और इसके अंदर ये पाएजाने वाले ये गुण मानवताका आधार हे। प्राचीन काल से कहा जाता हे की मनुष्य को हमेशा दुसरो की मदद करनी चाहिए। मानवता का भाव रखने वाला व्यक्ति निस्वार्थ होकर दुसरो की मदद करता हे। लेकिन आज के समय में कुछ लोग अपना स्वार्थ देखते हे। और लोगो से अत्याचार करते हे।

⇨ हर एक मनुष्य का कर्तव्य बनता हे की वह मानवता का सम्मान करे। और समय समय पर मानवता दिखाए। और जिस व्यक्ति में मानवता नहीं हे उस व्यक्ति को मानव कहलाने का हक नहीं हे। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अंदर से मानवता का भाव रखना चाहिए।

” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “