वायु प्रदूषण कैसे होता है ? | Vayu Pradushan Kese Hota He

⇨ जब शुद्ध ताज़ी हवा धूल, धुआँ, विषैली गैसों, मोटर वाहनों, मिलो और कारखानाओ आदि के कारण प्रदूषित होती हे। तो उसे वायु प्रदूषण कहते है। इस धरती पर जीवित रहने के लिए वायु का होना अनिवार्य हे। वायु के माध्यम से हम साँस लेते हे। और कह सकते हे की यह हमारे जीवन का आधार हे। भारत में हर साल लगभग 13 लाख मौत का कारण वायु प्रदूषण होता हे। अब आप अंदाजा लगा सकते हे की वायु प्रदूषण मानव जीवन एवम समस्त धरती पर जीवित प्राणियों के लिए कितना घातक साबित हो रहा हे। 

वायु प्रदूषण कैसे होता है ?


वायु प्रदूषण कैसे होता है

1. उद्योग 

⇨ वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण उद्योग हे। क्युकी इसमें से निकलने वाले धुएं ने सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण किया हे। यह ज्यादातर विकाशशील देशो की शमश्या हे। क्योकी वहा उद्योग बड़ी मात्रा में होते हे। और आज भारत में भी कई ऐसे शहर हे जिस शहर में स्वास लेना भी दुर्लभ हो गया हे। इस शहरो में वायु प्रदूषण बहोत भारी मात्रा में होता हे।क्योकि इस शहरों में भी अब उद्योग बढ़ने लगे हे।

2. वनो की कटाई

⇨ मनुष्य अपने जीवन को सुख सुविधामें जीने के लिए वनो की कटाई करनी चालू कर दी हे। जिसके कारण वायु प्रदूषण बढ़ रहा हे। पेड़ होते हे जो वायु प्रदूषण को निरंतर कम करने का काम करते हे मगर हम इन्हे ही कम करने लगे हे। पौधे अपने स्वास के रूप में हानिकारक गैस कार्बन डायोक्साइड को ग्रहण करते हे। और हमको जीवनदायनी गैस ऑक्सीजन प्रदान करते हे। 

3. बढ़ती आबादी

⇨ बढ़ती आबादी वायु प्रदूषण का एक सबसे बड़ा संकेतक हे। भारत जैसे देश में जिस तरह आबादी बढ़ रही हे उसी तरह वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा हे। पहले यह समस्या केवल शहरों में ही थी मगर अब तो गावो में भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा हे। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग होना हे। हर व्यक्ति वायु प्रदूषण करता हे जैसे की धूम्रपान करके वायु में धुआँ फैलाता हे। यह एक वायु प्रदूषण ही हे। 

4. संचार के साधन

⇨ दुनिया में संचार के विभिन्न साधनो में बुद्धि बहोत अधिक हो रही हे। इन साधनो में जैसे की इंजनों, बसों, कार , स्कूटरों आदि की संख्या बहोत तेजी से बढ़ती जा रही हे। यह सभी वाहन अपने वायु मंडल में लगातार असंतुलन पैदा करने का काम कर रहे हे। आज बढ़ती आबादी के कारण संचार साधन बढ़ गए हे। और संचार साधन बढ़ने से वायु प्रदूषण बढ़ गया हे। 

5. ईंधनों का जलना

⇨ इसमें सबसे पहले अपने घर में लकड़ी का जलना या कोयले का जलना। ये हानिकारक गैस उत्सजिर्त करती हे जैसे की कार्बन मोनोक्साइड एव कार्बन मोनो ऑक्साइड। ये गैसे अस्थमा, खांसी और छींक जैसी श्वशन समश्याओ को बढ़ाने में उत्तरदायी हे। इंधनो का जलना भी वायु प्रदूषण के बढ़ने का कारण हे। जैसे की पेट्रोल, डीजल आदि।

” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “