Desi Shayari In Hindi
हम देशी से तुम मत उलझो
क्योकि हम खुद नहीं समझ पाए अपने आप को
तुम क्या खाक समझोंगे हमें।
कंधे पर गमछे की अहमियत
तुम नहीं समझोंगे जनाब
मशहूर हे गांव में मेरे देशी होने के चर्चे।
अपना देशी अंदाज दिखाया जिस दिन
उस दिन ऐटिटूड वाली लड़किया
खड़े खड़े ढेर हो जाएँगी।
में छोरा गांव का देशी
तू शहर की पढ़ी लिखी लड़की
तू चलती हे स्कूटी
में रहता बुलेट पे सवार।
न बुलाया करो हम देशी को
अपनी महफ़िलो में
मुझे तो आज भी फर्स पर बैठ
कर खाने की आदत हे।
किसी और से नहीं
हमारी पहचान हमसे ही हे
हम देशी हे हमें विदेशी बनने का
कोई शौख नहीं।
हम देशी को खैरात में मिली
कोई भी चीज पसंद नहीं हे
क्योकि हम ऐसे भी राजा की
तरह जीते हे।
देशी बाते हे हमारी और देशी
वक्तित्व
हिंदी आती हे अंग्रेजी
कमजोर हे हमारी।
Desi Shayari Image
मत बोला करो ये छोरी देशी देशी
इस देशी की फेन ये दुनिया सारी हे।
अपने सपनो को मिठ्ठी में करने का था
बचपन हमारा
अब तो हम शुद्ध देशी बेरोजगार हे।
लोगो के झोपड़े उड़ जाते हे जिस
तुफानो में
उस तुफानो हम देशी कपडे सुखाते हे।
हम देशी औकात देखकर दुश्मनी भी
करते हे
बच्चो को छोड़ देते हे और बड़ो
को तोड़ देते हे।
सादे देशी और नादान हे हम
खता बस इतनी हे अपनी
कोई अपना जुर्म नहीं।
मुझे विदेशी जूतों में जो सुकून
नहीं मिला
वो सुकून मिला मेरी बूढी माँ की
हवाई चंपलो में।
घर से तैयार होकर निकलता हु
देख भी जब में
तो लड़कियों के मुँह से एक ही
चीख निकलती हे
माँ कसम क्या लग रहा हे देशी छोरा।
तूम खुद सारी कमिया ख़त्म
कर के दिखाओ
मेरे अंदर कमी निकालने से पहले।
Desi Par Shayari 2022
ये छोरी हमारे देशी पन का मजाक न बना
में देशी हु मगर गवार नहीं।
तेरे चले जाने से गम होगा
तुम्हे क्या लगता हे
नहीं बस एक कोंटेक कम होगा।
शेरो से वैर नहीं रखते कुत्तो से
यारी लगाके
सामने वाला चुप हो तो
गलतफैमी नहीं रखते।
कभी जिंदगी में गांव के कच्चे
मकानों में भी जाकर देखना
चाँद कच्चे मकानों में भी
रहता हे।
पगली नजर झुकाके बात कर
जितने तेरे पास कपडे नहीं होंगे
उतने तो में रोज लफड़े करता हु।
हम देशी के खून में आज भी
खानदानी उबाल हे
दुनिया हमारे शौख की ऐटिटूड
की दीवानी हे।
दुनिया में हर घर में पैदा होता हे
इंसांन तो
लेकिन इंसानियत हमारे गांव
में ही पैदा होती हे।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )