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Safai Shayari in Hindi
जहा साफ़ सफाई का होता हे निवास
वहा कभी नहीं होता बीमारियों
का वास।
छोड़ दिया मेने सफाईया देना
सीधी सी बात हे बहोत
बुरा हु में।
अपनी सफाई न दो हर किसी को
बस अपनी गलती कबुल करो
कभी तो आपमें और जाडु में कुछ
तो फर्क समझना सीखो।
अपना वक्त बर्बाद मत करो सफाई देने में
लोग वही सुनते हे जो वो सुनना
चाहते हे।
Safai Shayari Image
हर बार सफाई देनी पड़े
जहा अपनी बातो पर
तो वो रिश्ते कभी गहरे नहीं होते।
अपनी सफाईया पेश न करो कभी
किसी के सामने क्योकि
जिसे तुम पर यकीन हे उसे जरूरत नहीं
और जिसे तुम पर यकीन नहीं
वो मानेगा नहीं।
जो आनंद और संतोष हे सफाई करने में
वो किसी और चीज में नहीं
फिर चाहे सफाई आँगन की हो या
घर की या फिर तन की या मन की।
सफाई न दे तू अपनी वफ़ा की
ए खुदा वो मेरे पास से भी गुजरे तो
दिखाई न दे।
Safai Shayari 2022
किस किस को सफाई देगा बेवफा यार तू
मेरा चहेरा तेरी आँखों में दिखाई देगा।
हर बार बात वही आएँगी अपनी
अब कितनी दे सफाई
शहर उनका हे लोग उनके हे तो गलती
हमारी ही आएँगी।
न पढाई में न इश्क में
न किसि की जुदाई में
जो दर्द मिलता हे दीवाली की सफाई में
साला कमर टूट जाती हे।
सफाई मत दो किसी को भी
आप कोई सफाई कर्मचारी नहीं हो।
best Safai Shayari
अब सफाई देने का मेरा कोई मन नहीं
अगर में बुरा हु तो मुझे बुरा
ही रहने दो।
सफाई नहीं दी हमने यही सोचकर
इल्जाम भले ही जूठे हे पर
लगाए तो तुमने हे।
कोई सफाई नहीं देंगे कितनी
मोहब्बत हे तुमसे
साये की तरह साथ रहेंगे पर
दिखाई नहीं देंगे।
Shayari On safai
इश्क के बाजार में रूह तक
नीलम हो जाती हे
पर सफाई देने का सिलसिला कभी
ख़त्म नहीं होता।
आजतक उसके चहेरे पर एक
शिकन नहीं देखि
इतनी सफाई से रफू करता हे
वो अपने गमो की।
में लोगो को दिखाई नहीं देता
गलत जगह सही हु तो
में अपनी अच्छी बुरी शख्यियत की
सफाई नहीं देता।
हाथ क्या बटाया सफाई अभियानमे
कुछ लोग न जाने क्यों नाराज
हो गए।
हम किसके लिए कितना मायने रखते हे हमे पता हे
सफाई उन्हें दिया करो जहा आपकी
असलियत से सब अनजान हो।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद )