गेंदा फूल के उपयोग – Marigold Flower Information In Hindi

👉 हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज में आपको इस आर्टिकल में बात करने वाला हु गेंदा फूल के बारे में जानकारी, अमेजिंग फैक्ट्स, गेंदा फूल के उपयोग, गेंदा फूल की खेती और FAQ तो उम्मीद हे की आपको यह मेरा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे गेंदा फूल के बारे में।

गेंदा फूल के बारे में जानकारी

गेंदा फूल के बारे में जानकारी

 

👉 गेंदे का फूल बहोत खूबसूरत और आकर्षित होता हे जो ज्यादातर पिले रंग में पाए जाते हे लेकिन कई किस्मे अन्य रंगो में भी मिलती हे गेंदे के फूल में बहोत सारी पंखुडिया होती हे फूल के बिच में पंखुडिया छोटी और बहार की तरफ बड़ी होती हे जो फूल को और भी सुंदर बनाती हे। गेंदे का फूल का मूल स्थान मैक्सिको माना जाता हे मगर अब पूरी दुनिया में पाया जाता हे। गेंदे फूल की दुनियाभर में करीबन 50 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती हे।

👉 यह फूल बहोत ही महत्वपूर्ण माना जाता हे क्योकि यह व्यापक रूप से धार्मिक और सामाजिक कार्यो में प्रयोग किया जाता हे। गेंदे फूल का वैज्ञानिक नाम tagetes है।

 

गेंदा फूल के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स

 

👉 गेंदे का फूल भारत देश के गुजरात राज्य का राजकीय फूल है।

👉 गेंदे के पौधे की ऊंचाई करीबन 3 से 4 फुट होती हे।

👉 इस फूल का मूल स्थान मैक्सिको माना जाता है।

👉 गेंदे का फूल पूरी दुनिया में पाया जाता हे जिसकी करीबन 50 से अधिक प्रजातियां पायी जाती है।

👉 गेंदे के फूल की खेती भारत में सबसे ज्यादा होती है।

👉 इस फूल का ज्यादातर उपयोग सजावट और हार तैयार करने में किया जाता है।

👉 गेंदे के फूल को अंग्रेजी में “मेरीगोल्ड फ्लावर” कहा जाता है।

👉 गेंदे का फूल एक ऐसा फूल हे जो बहोत लंबे समय तक ताजा रहता है।

👉 गेंदे के फूल का औसत जीवनकाल 4 महीने का होता है।

 

गेंदा फूल के उपयोग

 

👉 कई तरह की सजावटों में गेंदे के फूल का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इस फूल का इत्र भी बनाया जाता है।

👉 गेंदे का फूल हानिकारक कीटाणु और कीड़ो को दूर रखते है जिससे कई तरह के रोग हमसे दूर रहते है।

👉 गेंदे के फूल से नेचरल कलर भी बनाया जाता है।

👉 गेंदे के पत्तो को पीसकर फोड़े-फुंसी और घाव पर लगाने से आराम होता है।

👉 सर्दियों में हाथ-पैर फट्ने पर गेंदे के पत्तो का रस वैसलीन में मिलाकर 2-3 बार लगाने से लाभ मिलता है।

👉 गेंदे के पत्तो को पीसकर टिकिया बना ले फिर आँखों की पलको को बंद करके इसे पलको को बंद करके इसे पलकों के ऊपर रखे इससे आँखों का दर्द दूर हो जाएगा।

👉 गेंदे के फूल से त्वचा की मामूली चोटों और सूजन का भी सफलतापूर्वक इलाज किया जाता है।

 

गेंदा फूल की खेती के बारे में जानकारी

गेंदा फूल की खेती के बारे में जानकारी

 

1. जलवायु

👉 भारत में गेंदा फूल की खेती कही भी की जा सकती है, इसकी खेती के लिए शीतोष्ण और सम-शीतोष्ण जलवायु उपयुक्त होता है। 14. 5 से 28.6 डिग्री तापमान को फूलो की बढ़ोतरी और गुणवत्ता के लिए अच्छा माना जाता है।

2. उपयुक्त मिट्टी

👉 वैसे तो गेंदे फूल की खेती के लिए विभिन्न प्रकार की मिट्टी उपयुक्त होती है जिसमे आसानी से इसकी खेती की जाती है। इसकी खेती के लिए जमीन को उपजाऊ, भुरभुरी और साथ ही भूमि का पीएच मान 7 से 7.5 के बिच में होना जरुरी है।

3. उन्नत किस्मे

👉 African Marigold इस किस्म की फसल 90 सैमी तक लंबी होती है, इसके फूल बड़े आकार के और लैमन, पिले, सुनहरे, संतरी और गहरे पिले रंग के होते है। यह लंबे समय की किस्म है इसकी अन्य किस्मे जैसे की  Giant Double African Orange, Crown of Gold, Giant Double African Yellow, Chrysanthemum Charm, Golden Age, Cracker Jack आदि किस्मे है जिसमे से आपको अपनी बागबानी के लिए तय करना होता है।

4. खेत की तैयारी

👉 गेंदे की खेती करने के लिए आपको खेत को तीन से चार बार जुताई करवाले। जिससे भूमि भुरभुरी हो जाएँगी बाद में खेत को कुछ समय के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दे ताकि मिट्टी को अच्छी तरह से धुप लग जाये। इसकी खेती दो तरह से की जा सकती है 1. मेड पर गेंदे के पौधे लगाने से और 2. गेंदे के पौधे क्यारियों के द्वारा लगाने से। 

ज्यादातर किसान मेड विधि से गेंदे फूल की खेती करते है। जो अच्छा उत्पादन और लाभ देती है।

5. पौधा रोपण

👉 गेंदा फूल खरीफ, रबी, जायद तीनो सीजन में बाजार की मांग के अनुसार उगाया जाता है। जो सितंबर से अक्टुंबर का समय माना जाता है। गेंदे फूल की रोपाई के समय पौधे से पौधे की दुरी तथा उनकी मानदंड पर ध्यान रखना मुनाफे का सौदा होता है। बात करे पौधे से पौधे की दुरी की तो यह 2 फिट होनी चाहिए। पौधा रोपाई के लिए पौधे पहले नर्सरी में तैयार करवा ले।

6. सिंचाई

👉 खेत में पौधे रोपाई के तुरंत बाद पौधो को सिंचाई कर देनी चाहिए। कली बनने से लेकर कटाई तक तक की अवस्था सिंचाई के लिए बहोत महत्वपूर्ण होती है। अप्रैल से जून के महीने में 4-5 दिनों के अंतराल पर लगातार सिंचाई करना आवश्यक होता है।

7. किट और रोगथाम

👉 गेंदे फूल के पौधो में कई तरह के रोग दिखने मिलते हे जैसे की मिली बग, थिप्स, पत्तो पर धब्बा रोग आदि रोग दिखने मिलते हे जो हमारी बागबानी के लिए नुकशान दायक होते है। यह रोग पौधे में न आये इसलिए पौधे की रोजाना देखभाल करते रहना चाहिए।

8. फूलो की तुड़ाई

👉 गेंदे के खेत में पौधो को 2 से 3 महीने बाद पौधे को फूल आने शुरू हो जाते है लेकिन फूलो को तोड़ने से पहले खेत की हल्की सिंचाई कर ले जिससे फूलो का तापमान बना रहे। जब फूल अच्छे से खिल जाये तभी ही फूलो को तोड़े वैसे इन्हे तोड़ने का सही समय सुबह या शाम का होता है।

 

गेंदा फूल के बारे अक्शर पूछे जाने वाले सवाल

 

1. गेंदे का फूल मूल कहा का है?

👉 गेंदे का फूल मूल मेक्सिको का माना जाता है।

2. गेंदे के पौधे की ऊंचाई कितनी होती है?

👉 गेंदे के पौधे की ऊंचाई करीबन 3 से 4 फिट होती है।

3. गेंदे के फूल को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है?

👉 गेंदे के फूल को अंग्रेजी में “मैरीगोल्ड फ्लावर” कहा जाता है।

 

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” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “