सूरजमुखी के उपयोग – Sunflower In Hindi

➤ हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। तो आज में आपको इस आर्टिकल में बात करने वाला हु सूरजमुखी के बारे में जानकारी, अमेजिंग फैक्ट्स, सूरजमुखी फूल के उपयोग, सूरजमुखी फूल की खेती और FAQ तो उम्मीद हे की आपको यह मेरा आर्टिकल पसंद आयेंगा। तो चलो देखते हे सूरजमुखी के बारे मे।

सूरजमुखी फूल के बारे में जानकारी

सूरजमुखी फूल के बारे में जानकारी

 

➤ सूरजमुखी फूल बेहद खूबसूरत और आकर्षित होता हे जो गोलाकार पिले रंग में पाया जाता हे इसके अलावा यह फूल सफ़ेद और बैगनी रंग में भी मिलते हे। इस फूल को अंग्रेजी में Sunflower कहा जाता हे। इस फूल की करीबन 70 प्रजातियां पायी जाती हे जो रंग और आकार में भिन्न होती हे।

➤ सूरजमुखी फूल की मुख्य विशेषता यह हे की यह फूल सूर्य की दिशा में घूमता रहता हे। यानी की सूरज जिस दिशा में जाता हे यह फूल उस दिशा में घूमता हे। इसलिए यह फूल को सूरजमुखी कहते हे। यह फूल सूरज की रौशनी रहती हे तब तक खिला रहता हे यानी की दिन में यह फूल खिलता हे और रात में मुरझा जाता हे।

➤ यह फूल अमेरिका का देशज हे पर रूस, भारत, ब्रिटेन, डेनमार्क, स्वीडन आदि देशो में पाया जाता हे। सूरजमुखी फूल रूस और यूक्रेन का राष्ट्रीय पुष्प भी हे। यह फूल बाग़ के फूलो में सबसे बड़े फूल माने जाते हे। जो बाग़ की खूबसूरती में चार चाँद लगा देता हे।

 

सूरजमुखी फूल के बारे में अमेजिंग फैक्ट्स

 

➤ सूरजमुखी का फूल सूर्य के साथ साथ उसकी दिशा में धीरे-धीरे घूमता रहता है।

➤ सूरजमुखी अनेक रंगो में पाए जाते हे लेकिन इनमे सबसे अधिक पिले रंग के फूल होते हे।

➤ सूरजमुखी यूक्रेन देश का राष्ट्रीय फूल है।

➤ सूरजमुखी का पौधा 1 से 4 मीटर तक लंबा होता है। लेकिन अच्छी मिट्टी में यह 5 मीटर तक बढ़ता है।

➤ सूरजमुखी कम्पोज़िटि कुल का सदस्य फूल हे।

➤ सूरजमुखी का फूल सूर्योदय पर खिलता हे और सूर्यास्त के बाद बंद हो जाता हे।

➤ सूरजमुखी का फूल बागो में सबसे बड़ा फूल माना जाता हे।

➤ इस फूल में करीबन 70 प्रजातियां पायी जाती हे जो रंग और आकार में भिन्न होती है।

➤ सूरजमुखी के बीजो का ज्यादातर तेल निकालने के लिए उपयोग किया जाता है।

 

सूरजमुखी के उपयोग

 

➤ सूरजमुखी के बीज को छीलकर आप कच्चा खा सकते हे।

➤ आप सूरजमुखी बीज को नर्म खाने को कुरकुरा बनाने के लिए भी उपयोग कर सकते हे। 

➤ आप सूरजमुखी के बीज का मख्हन की तरह पेस्ट बनाकर भी उपयोग कर सकते हे।

➤ सूरजमुखी के बीज मूत्रल एव कफनिस्सारक हे अंत: मूत्रकृच्छ, अश्मरी, खांसी, जुकाम आदि में लाभदायक हे।

➤ सूरजमुखी के बीज तेल बनाने के लिए उपयोग किया जाता हे जो तेल बहोत उपयोगी माना जाता हे।

 

सूरजमुखी फूल की खेती के बारे में जानकारी

सूरजमुखी फूल की खेती के बारे में जानकारी

 

1. जलवायु

➤ सूरजमुखी के बीजो की रोपाई के समय 15 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती हे। क्योकि अधिक तापमान में इसके बीजो का अच्छे से अंकुरण नहीं हो पाता हे। पौधो के वृद्धि के दौरान सामान्य तापमान तथा फूलो को पकने के लिए शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है।

2. उपयुक्त मिट्टी

➤ सूरजमुखी के कई किस्मो को जैसे की रेतली दोमट से काली मिट्टी में उगाया जा सकता है। यह उपजाऊ और जल निकास वाली मिट्टी में उगाने पर अच्छे परिणाम देती हे। यह फसल ह्ल्की क्षारीय मिट्टी को भी सहनेयोग्य हे। अम्लीय और जल जमाव वाली मिट्टी में इसकी खेती करने से परहेज करे। मिट्टी की ph लगभग 6.5-8 होनी चाहिए।

3. उन्नत किस्में

➤ सूरजमुखी की बाजार में कई उन्नत किस्मे मौजूद हे। जैसे की संकुल प्रजाति, मार्डन, सूर्या, संकर प्रजाति, एस.एच- 3322, के.वी एस.एच 1 आदि किस्मे हे जिसमे से आपको अपनी बागबानी के लिए तय करना होता है।

3. खेत की तैयारी

➤ सूरजमुखी की रोपाई के लिए खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई कर दी जाती हे। जुताई के बाद कुछ समय के लिए खेत को ऐसे ही खुला छोड़ दिया जाता हे। इससे खेत की मिट्टी को अच्छी तरह से धुप लग जाती हे इसके बाद खेत में गोबर की खाद डालकर फिर से जुताई करवा दे इससे खाद अच्छी तरह से मिल जाएंगी। 

➤ सूरजमुखी के खेत में नमी की अधिक आवश्यकता होती हे। इसलिए इसके खेत में पानी लगाकर जुताई करवा दे। इसके बाद खेत में रोटावेटर लगाकर फिर से जुताई करवा दे। जिससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाती हे तब जाकर सूरजमुखी की खेती के लिए खेत तैयार होता है।

4. बीज की बुवाई

➤ सूरजमुखी के बीज की बुवाई के लिए समतल खेत में मेड तैयार कर ले और उस पर बीज की बुवाई करनी चाहिए। बीज की बुवाई 4 से 5 सेंटीमीटर गहराई पर करनी चाहिए। लाइन से लाइन की दुरी 45 सेंटी मीटर तथा पौधे से पौधे की दुरी 15 से 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए।

➤ ज्यादातर सूरजमुखी के बीज की बुवाई का सर्वोत्तम समय फरवरी का दूसरा पखवारा हे। इस समय बुवाई करने पर मई के अंत पर जून के प्रथम सप्ताह तक फसल पक कर तैयार हो जाती हे। अगर देर से बुवाई की जाती हे तो फसल पकने तक बरसात हो जाती हे और दानो को नुकशान हो जाता हे।

5. सिंचाई

➤ सूरजमुखी के पौधो को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती हे। इसलिए इसकी पहली सिंचाई बीज रोपाई के तुरंत बाद करनी चाहिए। क्योकि इसके बीजो को अंकुरण के लिए नमि चाहिए। बीज के अंकुरण बाद सूरजमुखी के पौधो को केवल 4 से 5 सिंचाई की आवश्यकता होती हे। बाद में जब पौधे पर फूल में दाने बनने लगे तब खेत में नमि बनाये रखने के लिए जरूरत के हिसाब से पानी लगा दे।

6. रोग और किट

➤ सूरजमुखी के पौधे में कई तरह के रोग दिखने मिलते हे जैसे की पत्त्ति धब्बा व् झुलसा और रतुआ रस्ट आदि रोग दिखने मिलते हे। जो हमारी बागबानी में न आये इसलिए रोजाना पौधो की देखभाल करते रहना चाहिए। 

➤ सूरजमुखी के पौधे में रोग के अलावा किट भी पाए जाते हे जैसे की दीमक, हरे फुदके, ड्सकी और बग आदि किट पाए जाते हे। इनके नियंत्रण के लिए कई प्रकार के रसायनो का भी प्रयोग किया जा सकता है। 

7. फूलो की तुड़ाई

➤ सूरजमुखी के पौधो को पूर्ण रूप से तैयार होने में 90 दिन का समय लग जाता है। इसके बाद इसके फूलो की तुड़ाई कर ली जाती हे। फूलो की तुड़ाई बाद उन्हें एकत्रित कर छायादार जगह पर सूखा लिया जाता हे। सुखाने के बाद मशीन द्वारा इसके फूलो से बीजो को निकाल लिया जाता है।

 

सूरजमुखी के बारे में अक्शर पूछे जाने वाले सवाल

 

1. सूरजमुखी किस देश का राष्ट्रिय पुष्प माना जाता है?

सूरजमुखी यूक्रेन का राष्ट्रिय पुष्प माना जाता है।

2. सूरजमुखी का फूल कब खिलता है?

सूरजमुखी का फूल दिन समय खिलता हे और रात को मुरझा जाता हे। 

3. सूरजमुखी किस रंगो में पाया जाता है?

सूरजमुखी के फूल सफ़ेद, बैगनी और पिले रंग में पाए जाते है।

 

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” यह पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद “