ठंड पर शायरी
ठंड पर शायरी
जब महबूब की याद आती है ठंड में तो बड़ी मुश्किल से रात काटी जाती है।
जब महबूब की याद आती है ठंड में तो बड़ी मुश्किल से रात काटी जाती है।
ख़ास होता है मौसम जनवरी में ठंड का मजा आ जाता है अगर महबूब पास होता है।
ख़ास होता है मौसम जनवरी में ठंड का मजा आ जाता है अगर महबूब पास होता है।
दिन छोटे राते बड़ी हो गई हे भगवान कितनी ठंडी हो गई।
दिन छोटे राते बड़ी हो गई हे भगवान कितनी ठंडी हो गई।
मोहोब्बत में दिल टूटे तो मिलती है तन्हाईया, ठण्ड आ गई है अब काम आने वाली है राजाइया।
मोहोब्बत में दिल टूटे तो मिलती है तन्हाईया, ठण्ड आ गई है अब काम आने वाली है राजाइया।
काश लगे तुझे सर्दी में मोहब्बत की ठंड और तू तड़प के मांगे मुझे कंबल की तरह।
काश लगे तुझे सर्दी में मोहब्बत की ठंड और तू तड़प के मांगे मुझे कंबल की तरह।
क्यों न तुम ठंड बन जाओ कितना भी बचाये खुद को फिर भी लग जाओ।
क्यों न तुम ठंड बन जाओ कितना भी बचाये खुद को फिर भी लग जाओ।
ठंड की धुप तुम्हारे चहेरे से टकराई, बर्फ हुए दिल में फिर से जान आ गई।
ठंड की धुप तुम्हारे चहेरे से टकराई, बर्फ हुए दिल में फिर से जान आ गई।
मौसम इस कदर खुमारी में है, मेरा शहर भी कश्मीर होने की तैयारी में है।
मौसम इस कदर खुमारी में है, मेरा शहर भी कश्मीर होने की तैयारी में है।
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