ठंड पर शायरी

 जब महबूब की याद आती है ठंड में तो बड़ी मुश्किल से रात काटी जाती है।

 ख़ास होता है मौसम जनवरी में ठंड का मजा आ जाता है अगर महबूब पास होता है।

 दिन छोटे राते बड़ी हो गई हे भगवान कितनी ठंडी हो गई।

 मोहोब्बत में दिल टूटे तो मिलती है तन्हाईया, ठण्ड आ गई है अब काम आने वाली है राजाइया।

 काश लगे तुझे सर्दी में मोहब्बत की ठंड और तू तड़प के मांगे मुझे कंबल की तरह।

 क्यों न तुम ठंड बन जाओ कितना भी बचाये खुद को फिर भी लग जाओ।

 ठंड की धुप तुम्हारे चहेरे से टकराई, बर्फ हुए दिल में फिर से जान आ गई।

 मौसम इस कदर खुमारी में है, मेरा शहर भी कश्मीर होने की तैयारी में है।