मैसेज न करने पर शायरी

ये आँखे न जाने कब से रोये जा रही है बस तकलीफ इतनी की उसका आज मैसेज नहीं आया।  

 कुछ अजीब सा लगता है अब सोचकर भी जिनका रोज आना जाना था कभी आज उनका मैसेज भी नहीं आता। 

 तेरे मैसेज का इंतजार रहता है सुबह शाम तो जरा सोच हमें तुमसे कितना प्यार होगा। 

 एक मैसेज ही तो किया था कल तुजे अब क्या हमसे नाराज होकर हमें इतनी बड़ी सज़ा दोगी।

 ऐसी क्या मजबूरी आ गई न जाने उनकी हमसे मैसेज करने में उन्हें बड़ी दिक्क्त आ रही है।

 किसी का मैसेज न आना भी एक मैसेज है की अब वहा तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं रही।

हम घंटो तक ऑनलाइन रहते है जिनके लिए वही हमारे मैसेज का रिप्लाय नहीं करते।

 किसी का मैसेज नहीं आना भी एक मैसेज है।