मकर संक्रांति पर शायरी
मकर संक्रांति पर शायरी
सुंदर कर्म, शुभ पर्व हर पल सुख और हर दिन शांति आप सबके लिए लाये मकर संक्रांति।
सुंदर कर्म, शुभ पर्व हर पल सुख और हर दिन शांति आप सबके लिए लाये मकर संक्रांति।
जीवन में बढे मिठास, रिश्तो में बढे प्यार मुबारक हो आपको मकर संक्रांति का त्यौहार।
जीवन में बढे मिठास, रिश्तो में बढे प्यार मुबारक हो आपको मकर संक्रांति का त्यौहार।
सपनो को लेकर मन में, उड़ाएंगे पतंग आसमान में, ऐसी भरे उड़ान आपकी पतंग जो भरे जीवन में खुशियों की तरंग।
सपनो को लेकर मन में, उड़ाएंगे पतंग आसमान में, ऐसी भरे उड़ान आपकी पतंग जो भरे जीवन में खुशियों की तरंग।
हर पतंग जानती है अंत में कचरे में है जाना लेकिन उससे पहले आसमान छूकर है दिखाना।
हर पतंग जानती है अंत में कचरे में है जाना लेकिन उससे पहले आसमान छूकर है दिखाना।
पतंगों से मोहोब्बत छूट सी गई जनाब जब से ये धागे कातिल हो गए।
पतंगों से मोहोब्बत छूट सी गई जनाब जब से ये धागे कातिल हो गए।
जीवन जीना उस पतंग से सीखना जो इतने संघर्ष के बाद भी आसमान में उड़ती है।
जीवन जीना उस पतंग से सीखना जो इतने संघर्ष के बाद भी आसमान में उड़ती है।
ये साल की मकर संक्रांति आपके लिए, तिल, गुड़ जैसी मीठी और पतंग जैसी ऊँची उड़ान लाये।
ये साल की मकर संक्रांति आपके लिए, तिल, गुड़ जैसी मीठी और पतंग जैसी ऊँची उड़ान लाये।
ऊँची पतंग से मेरी ऊँची उड़ान होंगी, इस जहा में मेरे लिए मंजिले तमाम होंगी।
ऊँची पतंग से मेरी ऊँची उड़ान होंगी, इस जहा में मेरे लिए मंजिले तमाम होंगी।
अब तो मेरी पतंग भी मुझसे पूछने लगी, कहा गई वो फिरकी पकड़ने वाली।
अब तो मेरी पतंग भी मुझसे पूछने लगी, कहा गई वो फिरकी पकड़ने वाली।
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