By Mary Apartment
June 29, 2020
बेबी पर शायरी
बेबी पर शायरी
अपनी किलकारियों के साथ वह करेंगी आपसे बात चाहे दिन हो या रात आपको अच्छा लगेंगा उनका साथ।
अपनी किलकारियों के साथ वह करेंगी आपसे बात चाहे दिन हो या रात आपको अच्छा लगेंगा उनका साथ।
तू मेरी नन्ही सी परी है शायद इसलिए तुझे देखने के बाद भी तुझे ही देखने की चाहत रहती है
तू मेरी नन्ही सी परी है शायद इसलिए तुझे देखने के बाद भी तुझे ही देखने की चाहत रहती है
माँ का प्यार होता है पिता का दुलार होता है छोटे बच्चे के बचपन का ऐसा ही संसार होता है।
माँ का प्यार होता है पिता का दुलार होता है छोटे बच्चे के बचपन का ऐसा ही संसार होता है।
बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहे छत पर सोये या जमीन पर लेकिन आँख तो बिस्तर पर ही खुलती थी।
बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहे छत पर सोये या जमीन पर लेकिन आँख तो बिस्तर पर ही खुलती थी।
न रोने की वजह थी न हसने का बहाना था क्यों हो गए इतने बड़े इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था।
न रोने की वजह थी न हसने का बहाना था क्यों हो गए इतने बड़े इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था।
न जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी तुझे ही देखने की चाहत रहती है।
न जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी तुझे ही देखने की चाहत रहती है।
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