Badal Shayari In Hindi
बादलो के गरजने पर जो कभी
लिपट जाया करती थी
वो आज बादलो से भी ज्यादा
गरजती हे।
वो उंचाई पे हे बादलों को भी
गुरुर था
जब बारिश हुई तो उसे जमीन
की मिट्टी ही रास आई।
चाँद से शिकायत कर रहा हे
काले बादलों से घिरा ये आसमान
खुद ढंकने की कंगार पर हे
फिर भी रौशनी बेशुमार कर रहा हे।
ज़रा सोच समझ के बरसे
बादलों से कह दो
अगर हमें उसकी याद आ गई तो
मुकाबला बराबरी का होगा।
में तौबा दोस्तों पिने से कर चूका था
बादलों का रंग देखकर
नियत बदल गई।
क्या साजिस बात हुई हवाओ और
बादलों में न जाने
की मेरा घर मिट्टी का था वही
बरसाद हुई।
चाँद भी सहम गया रूठ कर
तेरी जुल्फों से
दागदार तो था ही बादलों में
भी छिप गया।
बादलों की तरह प्यार करो तो
जो गुस्सा अगर हो भी जाये तो
गरज के अपने होने का अहसास दिलाते हे।
उन बादलों को भी तकलीफ
तो होती होंगी
जिनसे बून्द बिछड़कर जमीन
पर आ गिरती हे।
Badal Shayari Image
में मुठ्ठी भर बादल बन जाऊ बस
यही हे ख्वाइश
तेरे दिल के आंगन में भिगु तुझ संग
भूल के सब गम।
धीरे धीरे छांटने लगे हे
बचपन की यादो के बादल
पुराने घर, मैदान आँखों के
सामने मिटने लगे हे।
बादलों में छिप जाता हे ढलते
ढलते जब सूरज
फिर धीरे धीरे तेरी यादो का
सूरज उग जाता हे।
अजब धुप छाँव का मौसम
रुका हुआ हे
गुजर रहा हे कोई दिल से
बादलों की तरह।
सूरज को बादलों ने आवारा
कर लिया
अब फिरौती में तुम्हारी मुस्कान
मांगते हे।
चहेरे पर यु ही रहने दो अपनी
जुल्फों को
ये चाँद बादलों में ज्यादा
हसीन लगता हे।
जहा मेरा घर था वही बारिश की
आज बादलों ने फिर साजिस की
अगर पलक को जिद हे बिजलिया गिराने की
तो हमें भी जिद हे वही पर आशिया
बसाने की।
कुछ इस कदर छाया हे बादलों का
पहरा चाँद पर
ऐसा लगता हे जैसे घूंघट में चाँद ने
चहेरा छुपाया हे।
Badal Par Shayari 2022
बादलों के बरसने और गरजने का
अब क्या फायदा
वो शक्श ही अपना न रहा जो बिजली
गिरने के डर से गले लग जाता था।
सूरज निकलने वाला हे
बादलों की ओट से
सफर जारी रखो वक्त
बदलने वाला हे।
कोई पागल समझता हे कोई
दीवाना कहता हे
मगर घरती की बेचैनी को बस
बादल ही समझता हे।
इशारो इशारे में मुलाकात की हे
आँखों ने हवाओ से बात की हे
बादलों को आज झंझोड़ना हे
तेज गर्मी में चाह बरसाद की हे।
आवाज को नहीं अपने शब्दों को
ऊँचा करो
बादलों की बारिश ही फूलो को बढ़ने देती हे
उनकी गर्जना नहीं।
तुझसे ये बेखबर मत पूछ की
कितनी मोहब्बत हे
बारिश की बुँदे भी तुझे छू ले
तो हम बादलों से जलने लगते हे।
चाँद भी शरमा गया
देख के मेरे महबूब का चहेरा
छुप गया बादलों की ओट में
मेरा मेहबूब जब छत पर आ गया।
Cloud Shayari In Hindi
बारिश का बरसना और बादलोंका गरजना
मुझे दो चीजों की ही याद दिलाता हे
तुम्हारा गुस्से में गरजने और मेरे
अश्को का बरसना।
मेरी आँखों की तरह आज फिर
मौसम नम हुआ
शायद बादलों का भी दिल किसी
ने तोडा हे।
वो बरस गए बादलों का
गुनाह नहीं
दिल हल्का करने का हक
तो सबको होता हे।
लिपटी हे पत्तो के दामन से
बादलों से छूट कर भी
जमीन पर गिरने से डरती हे
शायद बारिश की बुँदे।
बादलों के गरजने पर जो कभी
लिपट जाया करती थी
वो आज बादलों से भी ज्यादा
गरजती हे।
पर्वतो की बाहो में बादलों के
छाये में
राते यही कटती हे झील की
पनाहो में।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )