Summer Shayari In Hindi
ना कुछ खाने पीने का जी करता हे
ना मुस्कुराने का जी करता हे
ये गर्मी अब बर्दाश नहीं होती
सब कुछ छोड़ के मनाली जाने का जी करता हे।
दर्द जुदाई का सहा नहीं जाता
हाल ये दिल कहा नहीं जाता
उल्फ ये गर्मी कब आएँगी
अब तुमसे दूर रहा नहीं जाता।
कुछ तो रहम कर ये गर्मी
हम यहां घरो में जल रहे हे
और फिर उनका तो सोच जो
बिना छतो के पल रहे हे।
में कैसे कहा जाऊ इस गर्मी
के मौसम में
क्या करू ऐसा की अपनी गर्मी
भगाऊ।
हमारा तो आपसे रिश्ता हे पुराना
अपना समझो या बेगाना
इसलिए हमारा फर्ज था आपको बताना
गर्मी शुरू हो गई हे
इसलिए भाई रोज नहाना।
कुछ नया क्रॉस करके आती हे
गर्मी हर साल
तभी तो हर बार इसकी डिग्री
बढ़ जाती हे।
तेरी याद में सच कहु तो न जीते
हे न मरते हे
इस बेरोजगारी में सुबह शाम
कूलर में पानी भरते हे।
मेरा दिल जल रहा हे तेरी
हुस्न की गर्मी से
लबो से जब बुझाना चाहा तो
कहते हे आज नहीं कल।
Summer Shayari Image
पहली किरण सूरज की आपको ख़ुशी दे
दूसरी किरण हसी दे आपको
तीसरी किरण तंदुरस्ती और कामयाबी दे
बस अब ज्यादा नहीं वरना गर्मी लगेंगी आपको।
अब ये हाल हे गर्मी में तो
की कपडे धोते ही सुख जाते हे
और पहनते ही गीले हो जाते हे।
एक जैसी ही होती हे गर्मी और बीबी
इनका प्यार बढ़ते ही अच्छे अच्छो का
पसीना छूट जाता हे।
रखना अपना ख्याल
आ गए गर्मी के दिन
कही ये लू वाली गर्मी
ना मचा दे बवाल।
कभी बारिश की फुहारे कभी
सिद्द्त की गर्मी
ये दिसम्बर और मोहब्बत समझ से
परे हे हमारे।
समज नहीं सकते वो गरीब की तकलीफ
जो गर्मी की धुप में दो चार कदम
भी चल नहीं सकते।
गर्मी में उसे ही कोसता ये जग हे
जो सर्दी में लगता हे प्यारा
सूरज तो सदा से वही हे
इंसान की जरूरते अलग अलग हे।
दिमाग का पारा चढ़ जाता हे
आदमी को गुस्से में जैसे
गर्मी में जब हवा नहीं चलती हे
तब उमस बढ़ जाता हे।
Summer Par Shayari 2022
वो सर्दी में भी सजा देता हे
वो गर्मी में भी सजा देता हे
टंकी का पानी बड़ा बेवफा होता हे
जो हर मौसम में दगा देता हे।
कुदरत के नज़ारे हे कभी
सर्दी कभी गर्मी
प्यासे वह भी रह जाते हे
जो दरिया किनारे होते हे।
कुछ ठंडा पिलाइये ऐसी गर्मी
हे बहार की
अगर आप पानी पीला रहे हे तो
इसमें पहले शराब मिलाइये।
बर्दाश करना सीखो पिता और
सूरज दोनों की गर्मी
क्योकि इनके डूबने से अँधेरा
छा जाता हे।
अलग हो के सो गए गर्मी
लगी तो खुद से
सर्दी लगी तो खुद को
दोबारा पहन लिया।
हल्की ठंडी हवाएं मिल जाती हे
गर्मी के मौसम में
हमें सब कुछ मिल जाता हे
जब चाय मिल जाती हे।
पसीने वाली गर्मी दस्तक दे रही हे
खिलती हुई सुबह अलविदा कह रही हे
उठ कर तो देखो दोपहर के नजारो को
दोपहर वाली सूरज गुड आफ्टरनून कह रही।
गर्मी के हर दिन तरबूच का आनद ले
गर्मी को ख़राब न होने दे।
Garmi Par Shayari
बहोत किये इशारे तो उसने भी
जो में समझ नहीं पाया
वरना गर्मी की दुपहरी में छत पर
बार बार कौन आता।
कच्चे घर हुआ करते गांव में
मकान नहीं
जो गर्मी में ठंडी और सर्दियों में
गर्म हुआ करते थे।
कुछ खास इंतजाम कर लू इस गर्मी
के मौसम में भी
मुझे अगर इजाजत हो तो लबो की
नमी बरक़रार रख लू।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दील से धन्यवाद )