Garibi Shayari In Hindi
खुश रहने का हुनुर रखते हे
थोड़े से लिबास में
गम गरीब हे साहेब अलमारी में तो
खुद को कैद करते हे।
बहोत गरीब हु साहेब कैसे मोहब्बत करू
लोग बिकते हे और में खरीद
नहीं पाता।
खुद की तौहीन ना कर यु गरीब कहकर
ए बंदे गरीब तो वो लोग हे जिनके
पास ईमान नहीं हे।
रिश्ता मत तोडना किसी की गरीबी देखकर
क्योकि जितना मान सम्मान गरीबो के
घर पर मिलता हे
उतना अमीरो के घर पर नहीं।
जिंदगी का सबक बहोत जल्दी सिख लेता हु
गरीब बच्चा हु बात बात पर
जिद नहीं करता।
हम गरीबो ने बेकसी बेचीं कभी आंसू
कभी ख़ुशी बेचीं
चंद सांसे खरीदने के लिए रोज थोड़ी
थोड़ी सी जिंदगी बेचीं।
वो चलना सीख गया राहो में कांटे थे फिर भी
वो गरीब का बच्चा था हर दर्द में
जीना सिख गया।
अपना पुराना वक्त खरीद सके कोई
इतना अमीर नहीं
और कोई इतना गरीब नहीं की अपना
आने वाला वक्त न बदल सके।
अमीर बन जाते हे लोग
गरीबी को कागज पर उतारकर
यह कैसा देश हे जहा दर्द नहीं
दर्द की तस्वीर खरीद लेते हे लोग।
Garibi Shayari Image
चंद पैसो के लिए गरीब रोता रहा
बिकी उसकी नकल तो सिनेमा घरो में
तालियां गूजती रही।
क्या खूब हसी उड़ाई जाती हे गरीब की भी
एक रोटी देकर सो तस्वीरें
खिचवाई जाती हे।
किसी गरीब को हसते हुए जब भी देखता हु
तो यकीन आ जाता हे
की खुशियों का ताल्लुक दौलत से नहीं होती।
किसी गरीब के जख्मो पर लगा देना
मरहम लगा सको तो
हकीम बहोत हे बाजार में अमीरो के
इलाज खातिर।
कौआ भी मोर लगता हे अमीर
के घर बैठा
गरीब का भूखा बच्चा भी
चोर लगता हे।
जिंदगी जीने में बड़ी मुश्किल हे
कौन कहता हे
मेने तो हर गरीब को बड़ी आसानी
से जिंदगी जीते देखा हे।
दौलत की निगाह से मत देखो
दोस्त को
वफ़ा करने वाले दोस्त अक्शर
गरीब हुआ करते हे।
सुबह से रात हो गई कतार बहोत
लम्बी थी
ये दो वक्त की रोटी आज फिर मेरा
अधूरा ख्वाब हो गई।
Garibi Par Shayari
लोग राख समज लेते हे मेरे अंदर के अंगार को
मज़बूरी नहीं समझता कोई मेरी गरीबी
को लोग मजाक समझ लेते हे।
गरीबी में क्यों न पला होगा कोई
कितना भी
सही शिक्षा और महेनत से यकीनन
उसका भला होगा।
अच्छे सपने पा लेते हे
खुले आसमान के निचे सोकर
हम गरीब हे साहेब थोड़ी सब्जी में भी
चार रोटी खा लेते हे।
गरीबी जीना सिखाती हे
अमीरी पीना सिखाती हे
कभी घाव हो जाये तो कविता
सीना सिखाती हे।
गरीब की कमाई में जादुई नशा होता हे
जिसकी रोटी खाकर पथरीले रास्तो पर भी
सुकून की नींद आ जाती हे।
कितने भी ऊँचे उठ जाओ आप
जीवन में
अपनी गरीबी और कठिनाइयो के
दिन कभी मत भूलिए।
कड़ी धुप में जलते देखा हे
घर में चूल्हा जल सके इसलिए
हा मेने गरीब की सांसो को भी गुब्बारों
में बिकते देखा हे।
Garibi Shayari 2022
सिर्फ दौलत हुआ करती हे आज कल
जिन लोगो पर
उन लोगो पर दुनिया में सबसे ज्यादा
गरीबी हुआ करती हे।
गरीबी में वो रिश्ता जो खास होता हे
वो टूट जाता हे
हजारो यार बनते हे जब पैसा
पास होता हे।
रात भर सर्द हवाओ से गरीबी लड़ती रही
अमीरी बोली वाह क्या मौसम
आया हे।
हाल ये गरीबी देखकर लोगो ने
ठुकरा दिया
वरना हम तो आज भी अनमोल हे
वफ़ा के बाजार में।
कोई तौर नहीं देखता बात
मरने की भी हो तो
गरीब गरीबी के सिवा कोई दौर
नहीं देखता।
मुझसे ए खुदा छीन लेता हर चीज
क्या तू मुझसे भी ज्यादा
गरीब हे।
गरीबो के घर पे हे तहजीब की मिसाल
दुपट्टा फटा हुआ हे मगर उनके
सर पे हे।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )