Badla Shayari In Hindi
दो चार दिन तक ही रहेंगा
किसी से बदला लेने का आनंद
लेकिन किसी को माफ़ कर देने का आनंद
जिंदगी भर रहेंगा।
हर बात का बदला सूना हे तुम
ले लेती हो
आजमाएंगे कभी तुम्हारे होठो
को चुम कर।
खुद को बदलना कौन चाहता हे
किसी को प्यार तो किसी को
नफरत बदल देती हे।
बदला लेने में लगे रहते हे
ना समझ लोग
और समझदार लोग बुलंदियों
को छूने में।
इतना पागल हो जाते हे लोग
बदले की आग में
की वो न चाहकर भी अपनों को
दुःख पहोचा जाते हे।
मेरी भी कुछ कहानी हे
बदला नहीं हु में
बुरा बन गया हु में कुछ अपनों
की ही मेहरबानी हे।
जितने जख्म उन्होंने मुझे दिए थे
बदला भी मेने उनसे कुछ इस कद्र लिया
सूत सहित सारे जख्मो का तोहफा
मेने उन्हें एक साथ दिया।
अपमान का बदला लड़ जगड कर
नहीं लिया जाता
बल्कि सामने वाले व्यक्ति से ज्यादा
सफल बनकर लिया जाता हे।
Badla Shayari Image
खामोशियो को क्यों न शोर
में बदला जाये
किसी से बदला तो किसी को
बदला जाये।
हर बार सही नहीं होता बदला लेना
लेकिन माफ़ कर देना भी हर
बार सही नहीं होता।
अपने मन में जब तक किसी से बदला
लेने की भावना रखेंगे
सच कह रहा हु तुम ख़ुशी पाकर भी
खुश नहीं रह पाएंगे।
वही पहोचते हे ऊंचाई पर जो बदला नहीं
बदलाव लाने की सोच रखते हे।
सलाम करते देखा हे बदलते लोगो को
उगते सूरज को
मेने तो वक्त को भी अपना बयान
बदलते देखा हे।
खुद से करते हे वादा वक्त आने
पर बदला लेंगे
बस इंतजार हे समय का तुम्हे
मारेंगे कम और घसीटेगे ज्यादा।
आज भी वही हे जूनून, हौसला
और पागलपन
मेने जीने का तरीका बदला हे
तेवर नहीं।
कहा खबर हे आग लगाने वालो को
की रुख हवाओ ने बदला तो
खाक वो भी होंगे।
Badla Shayari 2022
न जाने किस बात का बदला लेती हे
कभी कभी जिंदगी हमसे
जिसे सबसे ज्यादा चाहो उसी से दूर
रहने की सजा देती हे जिंदगी।
आज मेरे आंसू का रंग बदला हुआ हे
शायद दिल के जख्म का कोई
कांटा निकल गया।
बदला नहीं जाता कभी बिता हुआ कल
लेकिन आने वाला कल हमेशा
आपके हाथ में होता हे।
कुछ भी तो न बदला तेरे ना होने से
बस पहले जहा दिल हुआ करता था
आज वहा दर्द होता हे।
दोस्त बनाने हे हम अपने दुश्मनो को
बदला लेने से पहले उन्हें उनकी
औकात दिखाते हे।
बदल गयी मोहब्बत बदल गया वक्त
बदल गई बाते
कुछ नहीं बदला तो वो हे इन आँखों
की नमी और तेरी कमी।
क्या बात हो गई मिजाज बदला
बदला सा हे
शिकायत हमसे हे या किसी और से
मुलाकात हो गई।
बरसो बाद मिले तो सब कुछ
बदला था
हाथ भी न थाम सके वो
इतना पराये से लगे।
Badla Par Shayari
तजुल्ब कैसा हुआ
उसने महबूब ही तो बदला हे
कबूल न हो तो लोग खुदा
तक बदल लेते हे।
तुमने मुझे अपना बनाके किस बात
का बदला लिया
ऐसे तन्हा छोड़ा हे तुमने की अपना भी
ना हो सका।
नजर मिलाने लगे जरा सा
वक्त क्या बदला
जिनकी औकात नहीं थी वो
सर उठाने लगे।
Dushman Se Badla Shayari
भरोसा तुम पर नसीब से ज्यादा किया
फिर भी नसीब इतना नहीं बदला
जितना तुम बदल गई।
बदला नहीं करते बदलते दिनों
को देखकर
जिद होनी चाहिए दिन
सबके आते हे।
सही इंसान से बदला लेते हे
लोग गलत इंसान से धोखा खाकर
वो खुद को और मुशीबत में डालते हे।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद )