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Majburi Shayari In Hindi
न बनाओ किसी की मज़बूरी का मजाक
जिंदगी कभी मौका देती हे तो
कभी धोखा भी देती हे।
जुदा होता हे जब कोई मजबूरी में
तो जरुरी नहीं वो बेवफा हो
आपकी आँखों में आंसू देखकर
उसका भी दिल आपसे ज्यादा रोता हे।
ऐसे मोड़ पर खड़ा कर देती हे
मजबूरिया
की इंसान बुराइया अपना लेता हे
अछाईया छोड़ कर।
गमले में लगे पेड़ो की भी क्या खूब मजबूरी हे
हरा भी रहना हे और बढ़ना भी हे।
डरा सकती हे, हरा सकती हे
वो मजबूरी हे साहेब
वो इंसान से कुछ भी करवा
सकती हे।
अगर तेरी मजबूरी हे ख़ामोशी तो
रहने दे इश्क कौनसा जरुरी हे।
आपकी मजबूरी समज ते हे लोग तभी
तो उसका फायदा उठाते हे।
वह मान न सके गुजारिश हमारी
मजबूरी हमारी वह जान न सके
कहते हे याद रखेंगे मरते दम तक
जीते जी पहचान न सके।
Majburi Shayari Image
वफ़ा करो आपको कुछ अलग ही
करना हे तो
वरना मजबूरि का नाम लेकर
बेवफाईया तो सभी करते हे।
किसी ये बेबसी और मजबूरी हे
कुदरत के आगे
बेगुनाह होकर भी देखो कैसे
सब अपने ही घरमे कैद हे।
बैगाना बना दिया अपना बनाकर
फिर कुछ दिनों में
भर गया दिल हमसे और मजबूरी का
बहाना बना दिया।
कोई समझता नहीं किसी की मजबूरी
दिल टूटे तो दर्द होता हे मगर
कोई कहता नहीं।
अपनी हसरतो को खुद मरते देखा
उसे गैरो से बात करते देखा
मजबूरिया भी क्या शय हे साहेब
तमन्नाओ को अपनी सूली चढ़ते देखा।
आज साहिल पे बैठे यु सोचते हे कोन
ज्यादा मजबूर हे
ये किनारा जो चल नहीं सकता या वो लहर
जो ठहर नहीं सकती।
वो कहते हे बहोत मजबूरिया हे
साफ लफ्जो में खुद को
बेवफा नहीं कहता।
एक इतेफाफ हे मिलना
और बिछड़ना मजबूरी हे
चार दिन की ये जिंदगीमें
होना जरुरी हे सबका साथ।
Shayari On Majburi
कभी दिल के दूर नहीं होने देंगे
नजरो से भले ही दूर
ये दिल आपको कभी याद न करे
इसे कभी इतना मजबूर
होने नहीं देंगे।
कुछ इस तरह मजबूर तुम भी हो जाओंगे
की हीर की मोहब्बत में रांझा था
जिस तरह।
कभी कभी न लड़के बेवफा होते हे न
लड़किया बेवफा होती हे और
रिस्ता ख़त्म हो जाता हे मगर ये सिर्फ
मजबूरियों की वजह से।
थक जाता हु अनकहे शब्दों के बोझ से
पता नहीं चुप रहना समझदारी हे
या मजबूरी।
भूल जाने की तेरी मजबूरी हे तो
मेरी भी आदत हे तुजे याद
रखने की।
इतना भी फायदा न उठाओ
किसी की अच्छाई का
की वो बुरा बनने के लिए
मजबूर हो जाये।
किस्मत ने मजबूर कर दिया
माफ़ करना मेरे दोस्त
दोस्ती आपसे की और आपसे ही
दूर कर दिया।
वफ़ा से नाज आये चलो हम भी
मोहब्बत कोई मजबूरी
नहीं हे।
Majburi Shayari 2022
जुल्म भी बहोत करते हे और जालिम
भी बहोत हे
पर मजबूरी हे हमारी जो उनसे
बेपनाह मोहब्बत करते हे।
चलो मान लेते हे तेरी मजबूरिया
भी होंगी
मगर तेरा वादा भी था मुझे
याद रखने का।
न कोई लाचारी हे न कोई मजबूरी हे
बेवफाई उसकी पैदायशी
बीमारी हे।
मजबूरी थी मेरी मर्जी नहीं
मेरी उससे बिछड़ ने की
और वो समज न सके।
तेरी मजबूरी हे मुझे भूल जाने की
या किसी ने
मजबूर कर दिया।
प्यार के हाथो हम कितने मजबूर हे
न तुजे पाने की औकात न
तुजे खोने का हौसला।
( ये पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद )
मै अपने आप से नफरत करती हू
Majburi Shayari in hindi 2 line
bepanah mohabbat karne wali shayari
एक टूटे हुए दिल की दर्द भरी कहानी ऐह बहुत ही अच्छी कहानी है
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प्रेमी प्रेमिका की कहानी प्रेम का अर्थ क्या है
झूठी है प्यार की कसमे false promise of love
भाई आपका पोस्ट बहुत अच्छा है मै पूरा दिन आपका ही पोस्ट पडता हू आपकी वेबसाइट भी बहुत अच्छी है top articles very goods thanks